राफेल, सबमरीन ड्रोन...इंडियन नेवी के सबसे घातक हथियार

Rachit Kumar
Nov 05, 2023

यूक्रेन-रूस से इजरायल-हमास तक, दुनिया में जंग छिड़ी हुई हैं. घातक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है. दुनिया में दहशत का माहौल है.

इस बीच भारतीय नेवी भी लगातार अपनी क्षमताओं को बढ़ा रही है. एक से बढ़कर एक हथियार वह बेड़े में शामिल कर रही है.

ये इसलिए क्योंकि अगर कोई देश भारत पर हमला कर दे उसको न सिर्फ माकूल जवाब दिया जा सके बल्कि आगे से वह ऐसा करने की जुर्रत न करे.

राफेल एम फाइटर जेट्स

दक्षिण एशिया में भारत और चीन के अलावा किसी के पास एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है. भारत जल्द राफेल को अपने युद्धपोत पर तैनात करेगा.

यह 52 हजार किमी तक उड़ सकता है. परमाणु मिसाइलें भी इससे छोड़ी जा सकती हैं. 2205 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है.

एमक्यू-9बी ड्रोन

इसको प्रिडेटर या रीपर ड्रोन भी कहते हैं. यह हवा से जमीन पर हमला कर सकता है. इसकी रेंज 1900 किमी है.

बिना पायलट वाला यह ड्रोन 1700 किलो का वजन ले जा सकता है. यह दुश्मन को पल भर में मौत की नींद सुला सकता है.

कलवारी क्लास सबमरीन

भारतीय नौसेना का अहम हिस्सा है. यह समुद्र में बारूदी सुरंग बिछाना, खुफिया जानकारी जुटाना और परमाणु रोधी युद्ध कर सकती है.

यह हर परिस्थिति में काम कर सकती है. पानी के अंदर 37 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चल सकती है. इससे कई तरह की मिसाइलें छोड़ी जा सकती हैं.

सपोर्ट शिप फ्लीट

नेवी को पांच फ्लीट सपोर्ट शिप्स की चाहिए. ये जंग के मैदान में युद्धपोतों की मदद करते हैं. इनके जरिए रेस्क्यू और रीफ्यूलिंग जैसे काम किए जाते हैं.

ध्रुव हेलिकॉप्टर्स को इन पर तैनात किया जा सकता है. पहली फ्लीट इंडियन नेवी को 2030 तक मिलने की उम्मीद है.

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