मुगल हरम के इस किन्नर की मौत पर छा गया था मातम, बेगमों ने उतर फेंके गहने और...

Saumya Tripathi
Jul 08, 2024

मुगलों के शासनकाल में किन्नरों को कई सारी अहम जिम्मेदारी दी जाती थीं, इस दौरान वे हरम में शाही परिवार और औरतों की देखभाल करते थे.

दरअसल, मुगल हरम में किसी भी पुरुष को आने-जाने की अनुमति नहीं होती थी, इसलिए मुगल हरम में रानियों की सुरक्षा के लिए किन्नर होते थे.

मुगल के शासनकाल में कई सारे किन्नर हुए लेकिन इतिहास के पन्नों में आज भी जावेद का नाम दर्ज है.

बताया जाता है कि जावेद अनपढ़ जरूर था, लेकिन मौके पर दिमाग का इस्तेमाल करने के साथ-साथ जासूसी करने में भी माहिर था.

अपनी खूबियों की वजह से मोहम्मद शाह रंगीला ने जावेद तो हरम का सहायक अध्यक्ष बना दिया.

'फर्स्ट टू नवाब ऑफ अवध' किताब के मुताबिक जावेद के उधमबाई के अंतरिक संबंध थे. जो कि उसकी तरक्की की वजह बनीं.

उधमबाई के साथ जावेद हरम के अधिकतर समय बिताता था. कुछ समय बाद इसकी चर्चा दिल्ली तक होने लगी.

राजमाता की छूट की वजह से जावेद लोगों से बदतमीजी पर उतारू होने लगा और नापसंद की वजह से लोगों ने उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाने लगे.

ऐसे में वजीर ने जावेद की हत्या करवा दी. जिसके बाद राजमाता इस खबर को सुनते ही सदमे में चली गईं.

बताया जाता है कि जावेद की मौत की खबर सुनकर उधमबाई ने विधवा की तरह अपने सारे गहने और उतारे और सफेद कपड़े पहन लिए थे.

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