PM मोदी की पसंदीदा जगह पर मंडराया खतरे का साया

(Photo : Narendra Modi)

Deepak Verma
May 07, 2024

नुकसान

लक्षद्वीप सागर की कोरल रीफ को अक्टूबर 2023 से चल रही समुद्री लू के चलते खासा नुकसान पहुंचा है. (Photos : CMFRI)

ब्लीच

ICAR-सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMFRI) ने पाया कि कोरल रीफ का प्राकृतिक रंग उड़ गया है.

खतरा

CMFRI के वैज्ञानिकों के अनुसार, कोरल ब्लीचिंग से लक्षद्वीप के विविध समुद्री पारिस्थितिकी तंत्रों को खतरा पैदा हो गया है.

कोरल ब्लीचिंग

कोरल ब्लीचिंग तब होती है जब पानी बेहद गर्म हो. ऐसी स्थिति में कोरल अपने ऊतकों में रहने वाले शैवाल (एलगी) को बाहर निकालते हैं.

एलगी

ये शैवाल, कोरल के लिए खाना बनाते हैं. उनके बिना, कोरल के ऊतक पारदर्शी हो जाते हैं और उनका सफेद कंकाल दिखने लगता है.

संघर्ष

ऐसे पारदर्शी कोरल मृत नहीं होते लेकिन उन्हें भूख और बीमारी से  मरने का खतरा जरूर रहता है. विशेषज्ञों के अनुसार, शैवाल के बिना भी कोरल लगभग दो सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं.

कोरल आइलैंड

लक्षद्वीप के लगभग सभी द्वीप कोरल द्वीप हैं, इनकी मिट्टी मुख्यतः प्रवालों से बनी है, उनके चारों ओर प्रवाल भित्तियां (कोरल रीफ) मौजूद हैं.

समुद्री लू

लक्षद्वीप अक्टूबर 2023 से ही समुद्री लू का सामना कर रहा है, लेकिन कोरल ब्लीचिंग पिछले हफ्ते ही दिखी है.

चेतावनी

अगर पानी जल्द ठंडा नहीं होता तो ब्लीचिंग की वजह से लक्षद्वीप के कोरल्स की मौत हो सकती है.

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