नेपाल की तरह भूकंप की दहलीज पर बैठा है भारत का ये शहर

Gunateet Ojha
Nov 04, 2023

नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता के भूकंप ने भीषण तबाही मचाई. भूकंप से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 154 पहुंच चुकी है.

भूकंप की चपेट में आए सैकड़ों लोग अब भी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका रुकुम पश्चिम और जाजरकोट रहा. यहां कई मकान ढह गए.

एक्सपर्ट्स की मानें तो नेपाल के भूकंप प्रभावित पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्र में बड़े भूकंप का खतरा होने की सबसे ज्यादा आशंका है.

भूकंपविज्ञानियों की मानें तो धरती के अंदर सक्रिय यूरेशियन प्लेटों के बीच लंबे समय टकराव हो रहा है. जिसके कारण एनर्जी इकट्ठा हो गई है.

नेपाल इन 2 प्लेटों के मुहाने पर है और यही कारण है कि यह अत्यधिक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र (seismic zone) में स्थित है.

पश्चिमी नेपाल में भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है. 520 सालों में बड़ा भूकंप नहीं आया है. जिसके कारण एनर्जी जमा हो गई है. भूकंप ही इस एनर्जी को बाहर निकाल सकता है.

गौर करने वाली बात यह है कि भारत में देहरादून भी भूकंप के खतरे की रेंज में हैं. पश्चिमी नेपाल के गोरखा (जिला) से लेकर भारत के देहरादून तक टेक्टोनिक हलचल के कारण बहुत सारी एनर्जी एकत्र हो गई है.

यही कारण है कि इन क्षेत्रों में छोटे-बड़े भूकंप आ रहे हैं. आंकड़ों पर नजर डालें तो नेपाल में 1 जनवरी 2023 से अब तक 4.0 और उससे अधिक तीव्रता के कुल 70 भूकंप आ चुके हैं.

धरती के अंदर टेक्टोनिक प्लेट मूवमेंट की वजह से एकत्र हुई एनर्जी को रिलीज करने के लिए सदियों से हर दिन, दो या दो से अधिक तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं.

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