जब भी मुगल इतिहास की बात आती है तो सबसे ज्यादा नाम अकबर का लिया जाता है, जो केवल 13 साल की उम्र में तख्त पर बैठने में कामयाब रहा था और उसके साम्राज्य की हमेशा चर्चा होती रहती है.
मुगलों की पढ़ाई
मुगल शासकों के बारे में हर कोई जानना चाहता है कि मुगलों का रहन-सहन कैसा था और उनके हरम में क्या-क्या होता था. उन्होंने पढ़ाई-लिखाई कितनी की थी.
अकबर की पढ़ाई
मुगल शासक अकबर को घुड़सवारी, अस्त्र-शस्त्र चलाने और युद्धकला का खूब शौक था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अकबर कितना पढ़ा-लिखा था.
अनपढ़ था अकबर
आपको जानकर हैरानी होगी कि मुगल शासन को चलाने वाला अकबर अनपढ़ था और उसे पढ़ाने की सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई थी. इतिहासकार आंद्रे विंक के अनुसार, अकबर को कई बार तालीम देने की कोशिश की गई, लेकिन सभी बेकार हुईं.
पढ़ाई के लिए मुहूर्त
मुगल शासक अकबर की पढ़ाई के लिए मुहुर्त निकाला गया था. कहा जाता है कि जब अकबर 4 चार, चार महीने और चार दिन का हुआ, उस दिन उसे पढ़ाई शुरू करनी थी, लेकिन अकबर पढ़ने नहीं आया और वह पूरी जिंदगी अनपढ़ रह गया.
पढ़ना नहीं चाहता था अकबर
अकबर को पढ़ाने के लिए कई तरह की कोशिश की गई, लेकिन सभी नाकाम रही, क्योंकि अकबर का मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था. अकबर के पिता हुमायूं ने फारसी में लिखी खुद की कविताएं भी उसे दी थी, लेकिन इसके बाद भी उसका मन नहीं बदला.
तुर्की और फारसी आती थी
अकबर की मातृभाषा तुर्की थी, जो उसे आती थी और वह फारसी भी पढ़ लेता था.
इन चीजों में था कुशल
मुगल शासक अकबर को भले ही पढ़ाई का शौक नहीं था, लेकिन वह कई अन्य चीजों में कुशल था. उसे घुड़सवारी, अस्त्र-शस्त्र चलाने और युद्धकला का खूब शौक था.
अकबर अकेला अनपढ़ था?
मुगल शासक अकबर अकेला ऐसा नहीं था, जो अनपढ़ हो. इतिहासकार आंद्रे विंक के अनुसार, उस समय अनपढ़ होना हैरानी की बात नहीं थी, क्योंकि कई राजा अनपढ़ हुआ करते थे. हालांकि, वो अपनी अज्ञानता छिपाने के लिए अपने साथ विद्वानों की फौज लेकर चलते थे.