मुगलों के दौर में महल ही नहीं काफिले भी अपनी भव्यता की कहानी कहते थे

Devang Dubey Gautam
May 30, 2023

भारत आए यात्री निकोलो मनूची ने इसका जिक्र अपने संस्मरण में किया है

दिसंबर 1662 में औरंगजेब का काफिला दिल्ली से कश्मीर के लिए रवाना हुआ था

मनूची के मुताबिक, काफिले में सबसे आगे 8 हजार सैनिक थे, दाईं और बाईं ओर घुड़सवार और अन्य सैनिक थे

काफिले को लेकर सबसे आगे चलने वाले सैनिकों के हाथों में चांदी की छड़ी थी

काफिले इतना भव्य होता था कि कुछ लोग उससे आगे चलते थे, उनका काम होता था कि कहीं रास्ते में किसी जानवर का शव हो तो उसपर सफेद कपड़ा रख दें और पत्थरों से दबा दें

काफिले में 200 ऊंट सैकड़ों किलो चांदी लेकर चलते थे

काफिले में 30 हाथी भी थे, जिनपर शाही परिवार के सदस्य थे

काफिले में शाही किचन भी होता था जिसे बादशाह से पहले रवाना कर दिया था

ऊंटों पर रसद सामग्री और दूध के लिए गाय साथ चलती थीं

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