मुगल शासन की चर्चा इतिहास में खूब होती रही क्योंकि उन्होंने भारत में कई सालों तक राज किया. लेकिन इसके साथ ही मुगल हरम की भी खूब चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं कि मुगल हरम में किन्नरों को क्यों रखा जाता था.
Zee News Desk
Apr 23, 2023
जनानखाना भी कहा जाता था
असल में मुगल हरम एक ऐसी जगह थी जहां मुगल शासकों की खास महिलाएं या बेगम रहती थीं. इस जगह को जनानखाना भी कहा जाता था. इस महल में शाही महिलाओं के साथ मुगल शासक अपना समय बिताते थे.
किन्नरों का खूब बोलबाला
कहा यह भी जाता है मुगल हरम में जमकर अय्याशियां होती थीं. इस हरम में हिंदू बेगमों का भी स्थान रहता था. इसके अलावा यहां किन्नरों का भी खूब बोलबाला रहता था. तमाम किताबों में इस बात का भी जिक्र है.
मुख्य काम सुरक्षा का था
मुगल हरम में किन्नरों का मुख्य काम सुरक्षा का होता था. बादशाह लोग हरम में सैनिकों को नहीं रखते थे और शायद इसी वजह से किन्नर लोग ही वहां पर सुरक्षा करते थे.
शक्तिशाली माना जाता था
हालांकि हरम में रानियों के साथ अन्य महिलाएं भी होती थीं लेकिन उन्हें इतना शक्तिशाली नहीं माना जाता था कि वे हरम की सुरक्षा कर पाएं. इसलिए भी वहां ये रखे जाते थे.
सैलरी दी जाती थी
हरम के जो भी किन्नर काम करते थे. उन्हें सैलरी दी जाती थी. एक इतालवी लेखक निकोलाओ ने लिखा कि जब हरम में कोई बीमार होता था तो किन्नर लोग ही हकीम को पूरी तरह से कवर कर के हरम में ले जाते थे.
जासूसी का काम भी
किन्नरों की बिना मर्जी के कोई भी मुगलों के हरम में घुस नहीं सकता था. इसके अलावा एक किन्नर ऐसा भी था जो मुगल बादशाह अकबर का बहुत खास था. वो अकबर के लिए जासूसी का काम भी करता है.
वित्त-रक्षा की जिम्मेदारी
अकबर के काल में किन्नर इतिमाद खान ही वह शख्स था जो सबसे ताकत अफसरों में से एक था. अकबर ने किन्नर इतिमाद खान को वित्त और सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी दी हुई थी. वो अकबर को कई मामलों में सलाह भी देता था.
अंदर वाली सुरक्षा में किन्नर
यहां तक कि अकबर के काल में एक किन्नर ने तो एक बार बादशाह के सौतेले भाई को हरम में एंट्री नहीं करने दी थी. इतना ही नहीं हरम की सबसे अंदर वाली सुरक्षा की लेयर में सिर्फ किन्नर ही तैनात होते थे.
रहन-सहन का भी ख्याल
अकबर के अलावा कई अन्य बादशाह भी हरम में किन्नर रखते थे. हालांकि किन्नरों के रहन-सहन का भी ख्याल रखा जाता था और अच्छे खाने, अच्छे कपड़े दिए जाते थे.