बाबर, हुमायूं और अकबर... 3 बादशाहों के हरम में रही ये मुगल शाहजादी!

Saumya Tripathi
Jul 23, 2024

मुगलों के शासनकाल में कई रानियों और बेगमों का जिक्र किया है.

इतिहास के पन्नों में उनकी स्थितियों और रहन-सहन के बारे में भी बताया गया है.

इतिहास के कई पन्ने पलटेंगे तो किसी एक शहजादी का शायद जिक्र मिल जाए. जिसका नाम था- गुलबदन.

जो शायद अकेली मुगल शहजादी थीं, जो तीन मुगल बादशाहों के साथ रही. वह एक इतिहासकार थी, जिसने बाबर के बाद हुमायूं के दरबार व अन्य बातों की जानकारी अपनी किताब में साझा की.

​बाबर की बेटी थी गुलबदन​-

मुगल शहजादी गुलबदन बादशाह बाबर की बेटी थीं वह बाबर के साथ भारत आई थी.

रिश्ते में वह बाबर के बेटे हुमायूं की सौतेली बहन और पोते अकबर की बुआ थी. 6 साल की उम्र में काबुल से भारत आई थीं और दिल्ली में अपने पिता बाबर से मिली थीं

बाबर की मौत के बाद जब हुमायूं बादशाह तब भी वो भारत में ही रही. शेरशाह सूरी ने जब हमला किया तो गुलबदन उनके भाई कामरान के साथ लाहौर चली गईं.

गुलबदन जब तक लाहौर पहुंची, जब तक हुमायूं की हार हो गई थी, लेकिन वे जिंदा था.

इसके बाद हुमायूं की मौत के बाद जब अकबर बाहशाह बने तो उनकी बुआ गुलबदन बानो फतेहपुर सीकरी में बने महल में रहने लगी.

गुलबदन बानो मुगल खानदान की पहली महिला थी, जिन्होंने हज पर जाने का फैसला किया. अकबर ने उनके फैसले का समर्थन किया था.

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