वो किला जिसकी वजह से गई मुगल बादशाह की सल्तनत! छोड़ने को मजबूर हुआ हिंदुस्तान

May 25, 2023

जब मुगल बादशाह को छोड़ना पड़ा हिंदुस्तान

मुगलों ने करीब 300 साल तक भारत में शासन किया. लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था जब मुगल बादशाह की हार हुई थी और उसे हिंदुस्तान तक छोड़ना पड़ा था.

कहां है हुमायूं की हार का कारण बना किला

बता दें कि यूपी के मिर्जापुर में स्थित चुनार के किले को हुमायूं की हार का कारण बताया जाता है. इस किले पर पहले शेरशाह सूरी का कब्जा था जिसे हुमायूं ने छीन लिया था.

शेरशाह-हुमायूं की दुश्मनी

बाबर की मौत के बाद शेरशाह सूरी ने चुनार के किले पर कब्जा कर लिया था लेकिन ये हुमायूं को रास नहीं आ रही थी तो उसने 1536 में चुनार के किले पर कब्जे की योजना बनाई.

चुनार के किले पर किया कब्जा

मिर्जापुर में मौजूद चुनार के किले पर शेरशाह का कब्जा जरूर था लेकिन उस समय रहता बंगाल में था. इसी का फायदा उठाते हुए हुमायूं ने चुनार के किले पर कब्जा कर लिया.

शेरशाह को बंगाल से निकलने का आदेश

हुमायूं चुनार का किला जीतने के बाद भी नहीं रुका. इसके बाद हुमायूं ने शेरशाह तक अपना फरमान पहुंचाया कि जान बचाना चाहते हो तो बंगाल छोड़कर चले जाओ.

जब शेरशाह ने पिया अपमान का घूंट

चुनार का किला हारने के बाद शेरशाह सूरी को हुमायूं का फरमान मानना पड़ा. वह बंगाल से निकल गया लेकिन हुमायूं के द्वारा किया गया अपमान वह नहीं भूला.

चौसा के युद्ध से बढ़ी हुमायूं की मुश्किल

इसके बाद सन् 1539 ईस्वी में जब हुमायूं ने चौसी की जंग लड़ी तो उसने अपने सामने शेरशाह सूरी को चट्टान की तरह खड़ा पाया. युद्ध में शेरशाह सूरी के हाथों हुमायूं को शिकस्त मिली.

हिंदुस्तान छोड़कर भागा हुमायूं

चौसा के युद्ध में हार के बाद हुमायूं ईरान भाग गया है. कहते हैं कि हुमायूं का पीछा किया गया लेकिन वह चालाकी से ईरान पहुंच गया. दावा किया जाता है कि अगर वह भारत में रुकता तो उसकी हत्या हो जाती.

15 साल तक हिंदुस्तान से बाहर रहा हुमायूं

हुमायू चौसा के युद्ध में करारी हार मिलने के बाद बुरी तरह डर गया था. यही वजह थी कि वह अगले 15 साल तक ईरान में ही रहा. वापस लौटकर भारत आने की हिम्मत वह 1555 में ही जुटा पाया.

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