मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में फैसला दिया कि तमिलनाडु में मुस्लिम पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान भी साफ-सुथरी दाढ़ी रखने की अनुमति है. (AI Image)
जस्टिस एल विक्टोरिया गौरी ने कहा कि भारत विविध धर्मों और रीति-रिवाजों का देश है.
जज की टिप्पणी
जस्टिस गौरी ने कहा कि पुलिस विभाग अपने मुस्लिम कर्मचारियों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दाढ़ी रखने के लिए दंडित नहीं कर सकता. (AI Image)
क्या था मामला
HC ने यह आदेश एक पुलिस कांस्टेबल की याचिका पर दिया. उसे मक्का से लौटने के बाद दाढ़ी के साथ एक वरिष्ठ अधिकारी के सामने उपस्थित होने के लिए दंडित किया गया था. (AI Image)
दाढ़ी पर सवाल
2018 में कांस्टेबल को मक्का जाने के लिए 31 दिनों की छुट्टी दी गई थी. लौटने के बाद, उसने पैर में संक्रमण के कारण छुट्टी बढ़ाने की मांग की. एक सहायक आयुक्त ने उन्हें अतिरिक्त छुट्टी देने से इनकार कर दिया. इसके बजाय कांस्टेबल से उनकी दाढ़ी को लेकर पूछताछ की गई. (AI Image)
दी गई सजा
2019 में, डीसीपी ने कांस्टेबल से दाढ़ी रखने पर औपचारिक सफाई मांगी. डीसीपी के अनुसार, दाढ़ी रखना मद्रास पुलिस गैजेट के खिलाफ था. 2021 में डीसीपी ने सजा के तौर पर कांस्टेबल का इंक्रीमेंट रोक दिया. (AI Image)
कोर्ट से राहत
कांस्टेबल ने हाई कोर्ट में याचिका डाली. HC ने 5 जून के आदेश में कहा कि मद्रास पुलिस राजपत्र, 1957 के अनुसार, मुस्लिम पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान साफ-सुथरी दाढ़ी रख सकते हैं. (AI Image)