भारत में 65 साल में 43% बढ़ी मुस्लिमों की आबादी, हिंदुओं का हाल भी जान लीजिए

Sumit Rai
Dec 02, 2024

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या वृद्धि में गिरावट पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि कुल प्रजनन दर (TFR) मौजूदा 2.1 के बजाए कम से कम तीन होनी चाहिए.

भारत में पिछले कुछ सालों में हिंदुओं की आबादी कम हुई है, जबकि मुसलमानों की जनसंख्या तेजी से बढ़ी है.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की आबादी 7.82 प्रतिशत घट गई.

रिपोर्ट के मुताबिक, 1950 से 2015 के बीच मुस्लिमों की आबादी 43.15 प्रतिशत बढ़ गई.

इसकी मुख्य वजह हिंदू महिलाओं का फर्टिलिटी रेट मुस्लिम महिलाओं के मुकाबले कम होना है.

CSDS के आंकड़ों के अनुसार, हिंदू महिलाओं का फर्टिलिटी रेट 2.13 है, जबकि मुस्लिम महिलाओं का टीएफआर 2.61 है.

स्टडी के अनुसार, 1950 से 2015 तक हिंदू, जैन और पारसियों की आबादी कम हुई है, जबकि मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिखों की हिस्सेदारी बढ़ी है.

1950 और 2015 के बीच भारत में मुस्लिम आबादी में 43.15% की बढ़ोतरी हुई है. ईसाइयों में 5.38%, सिखों में 6.58% और बौद्धों में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है.

1950 में मुसलमानों की हिस्सेदारी 9.84% थी, जो 2015 में बढ़कर 14.09% हो गई. इस दौरान हिंदुओं की हिस्सेदारी 84 प्रतिशत से घटकर 78 प्रतिशत हो गई.

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