रामलीला मैदान का इतिहास, जहां मुगलिया दौर में हिंदू सैनिक करते थे रामलीला

Vinay Trivedi
Mar 31, 2024

रामलीला मैदान का इतिहास

रामलीला मैदान का इतिहास बहुत पुराना है. यह वह मैदान है जहां रैली होने के बाद कई बार देश में सरकारें बदल गई हैं.

रामलीला मैदान का नाम कैसे पड़ा?

दिल्ली के इस मैदान का नाम रामलीला मैदान कैसे पड़ा ये कहानी भी दिलचस्प है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

रामलीला मैदान की कहानी

दरअसल, आज से 200 साल पहले दिल्ली के इस मैदाना में हिंदू सैनिक रामलीला करते थे और तभी से इस मैदान का नाम रामलीला मैदान पड़ा.

मुगल काल की रामलीला

रामलीला मैदान में यह रामलीला मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के जमाने से हो रही है. लोग आज भी बड़ी संख्या में इसे देखने पहुंचते हैं.

रामलीला मैदान की जगह था तालाब

कहते हैं कि दिल्ली के इस रामलीला मैदान की जगह पहले तालाब हुआ करता था. इसके निशानी आज भी रामलीला मैदान में मिल जाती है.

हिंदू सैनिक करते थे रामलीला का मंचन

मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की गिनती उदार बादशाहों के रूप में होती है. उनके काल में हिंदू सैनिक रामलीला का मंचन करते थे.

रामलीला मैदान क्यों है खास?

हिंदू सैनिकों की तरफ से की जाने वाली यह रामलीला धीरे-धीरे पूरी दिल्ली में फेमस होने लगी और फिर यहां मेला लगना शुरू हो गया था.

रामलीला की कमेटी का गठन

भारत की आजादी के बाद रामलीला मैदान में रामलीला के आयोजन के लिए श्री धार्मिक रामलीला कमेटी बनाई गई थी. जो आज भी चल रही है.

मुगलकाल की पहली रामलीला

माना जाता है कि मुगलकाल में सबसे पहले यहीं रामलीला शुरू हुई थी. शायद यही वजह है कि रामलीला मैदान की रामलीला बड़ी संख्या में लोग देखने आते हैं.

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