मुगलों की वो बहन...

मुगलों की वो बहन जिसने भाई के लिए किया खुद के जिस्म और जिंदगी से समझौता

Shwetank Ratnamber
May 27, 2023

'भाई से बढ़कर कोई नहीं'

मुगल शहजादी जिसने अपने भाई के लिए ली दुश्मन के हरम में एंट्री

रिश्तों की अनसुनी कहानी

खानजादा जो अपने भाई बाबर को तख्त दिलाने के लिए परिवार के सबसे बड़े दुश्मन की बीवी बन गई.

बहन का त्याग

खानजादा के त्याग के बाद ही बाबर की मुगल सल्तनत अपने अस्तित्व में आई और इस तरह वो दुनिया की एक चौथाई दौलत का मालिक बन गया.

जोड़तोड़ की माहिर शहजादी

तैमूर वंश की शहजादी खानजादा राजनीतिक जोड़-तोड़ में माहिर थीं. दुश्मनों को अपनी चाल में कैसे फंसाना है ये उसे बखूबी पता था. लेकिन जरूरत पड़ने पर उसने दूसरों के बजाए अपने भाई की शान बचाने के लिए खुद को दांव पर लगा दिया.

दुश्मन के हरम में हंसते-हंसते एंट्री

'बाबरनामा' में खानजादा का जिक्र एक ऐसी महिला के तौर पर किया गया है जो अपने बाप-दादा के खानदान की जिंदगी को बचाने के लिए आगे आई.

ऐसे थे हालात

खानजादा के अहसान को जानने के लिए आपको सन 1500 के दौर में जाना होगा. तब बाबर मध्य-एशिया की धूल फांक रहा था. जहां उसकी जंग उज्बेकिस्तान के सरदार शायबानी खान से हुई. शायबानी भारी पड़ा तो बाबर 6 महीने तक लाचार रहा. आलम ये था कि बाबर की सेना के आगे भूखे मरने की नौबत आ गई थी.

भाई को बचाया

शायबानी के घेरे से जिंदा बाहर निकलने में खानजादा ने मदद की. भाई बाबर के लिए उसने ऐसी रणनीति अपनाई और खुद दुश्मन के आगोश में चली गई.

दुश्मन ने रखी शर्त

शायबानी ने एक शर्त रखते हुए कहा कि अगर बाबर की बहन निकाह को राजी हो जाए तब रास्ता निकल सकता है. फिर क्या था खानजादा ने भाई की रिहाई और परिवार की शान के लिए फौरन हां करने में देर नहीं लगाई.

23 की उम्र में बड़ा फैसला

खानजादा ने जब शायबानी से निकाह का फैसला किया तब वो 23 साल की थीं. उसके फैसले का विरोध पूरी फैमिली ने किया. पर वो भाई के लिए अड़ी रही. उसने शौहर की शारीरिक प्रताड़ना और उत्पीड़न झेला. दरअसल खानजादा मायके का गुणगान करती तो शायबानी के कलेजे में आग लग जाती.

तलाक...तलाक....तलाक! भाई से 10 साल बाद मुलाकात

गुस्साए शौहर ने उसे तलाक देकर अपने खास कमांडर सैयद हादा के हरम में भेज दिया. 1510 की जंग में सैयद हारा की मौत के बाद खानजादा शाह इस्माइल की कैद में पहुंची. जहां उसने बताया कि वो बाबर की बहन है तो उसे बाबर के पास भेज दिया गया. इस तरह 10 साल बाद उनकी घर वापसी हुई.

भाई के लिए कुर्बानी!

मुगल वंश के संस्थापक बाबर की बहन खानजादा की लाइफ का ये सीक्रेट आपने नहीं सुना होगा.

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