आगरा में स्थित ताजमहल के बगीचे में मुमताज के शव को दफन किया गया है. क्या आपको पता है कि शाहजहां ने अपनी पत्नी को तीन बार अलग-अलग जगह दफनाया था?

Jun 07, 2024

शाहजहां की 13 पत्नियों में एक मुमताज महल की मृत्यु अपनी 14वीं बच्चे को जन्म देने समय प्रसव पीड़ा की वजह से हुई थी.

मुमताज की मौत बुरहानपुर में हुई थी इसलिए बेगम को पहली बार बुरहानपुर में ताप्ती नदी के किनारे एक बगीचे में दफनाया गया था.

शाहजहां की पसंदीदा बेगम के शव को बुरहानपुर के कब्र से निकाल कर दूसरी बार आगरा में यमुना नदी के किनारे दफनाया गया.

इनायत खान द्वारा लिखी गई किताब शाहजहांनामा में उन्होंने बताया कि मरने से पहले मुमताज ने एक सुंदर महल और बाग के बारे में शाहजहां से जिक्र करते हुए वैसा ही महल बनवाने की गुजारिश की थी.

मुमताज महल के याद में शाहजहां ने आगरा में यमुना नदी के किनारे महल बनवाने का काम शुरू करवाया. करीब 22 साल के बाद महल बन के तैयार हुआ.

शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में एक भव्य और सुंदर मकबरा बनाया जिसे ‘ताजमहल’ के रूप में जाना गया. बाद में यह ताजमहल दुनिया के अजूबों में गिना जाने लगा.

शाहजहां ने तीसरी बार अपनी बेगम को उनके सपनों के जैसे महल में दफनाया. शाहजहां के मृत्यु के बाद उन्हें भी मुमताज के बगल में दफनाया गया.

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