मुगल बादशाह जिसे अंग्रेजों ने परोसा था उसके ही बेटों का मांस!
Gunateet Ojha
Jun 19, 2024
बहादुर शाह जफर का जन्म 24 अक्टूबर 1775 को दिल्ली में हुआ था. वह मुगल साम्राज्य के 20वें और अंतिम सम्राट थे.
उनका शासनकाल 1837 से 1857 तक रहा. बहादुर शाह जफर एक विद्वान और कवि थे. उन्होंने उर्दू भाषा में कई रचनाएं लिखीं.
जिनमें गजलें, कसीदे और मर्सिए शामिल हैं. वह अपनी कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं जो 1857 के भारतीय विद्रोह की भावनाओं को व्यक्त करती हैं.
1857 में, भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह कर दिया. बहादुर शाह जफर को विद्रोह का नेता घोषित किया गया था.
अंग्रेजों के सामने बहादुर शाह जफर की हार हुई. आंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सलाखों के पीछे उन्हें यातनाएं दी गईं.
इतना ही नहीं कहा यह भी जाता है कि एक बार जब बहादुर शाह जफर को भूख लगी तो अंग्रेजों ने उन्हें उनके ही बेटों का कटा सिर परोस दिया.
उनके साथ हुए इस भयावह रवैये वे तनिक भी नहीं घबराए. उन्होंने अंग्रेजों से कहा कि हिन्दुस्तान के बेटे देश के लिए सिर कुर्बान कर अपने बाप के पास इसी अंदाज में आते हैं.
बहादुर शाह जफर को एक राष्ट्रीय नायक माना जाता है. उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में देखा जाता है.
अंग्रेजों में बहादुर शाह जफर का डर इस कदर समाया हुआ था उन्हें रंगून निर्वासित कर दिया गया. 7 नवंबर 1862 को उनका निधन हो गया.