मुगलों ने भारत में कई शताब्दी राज किया. ऐसा भी दौरा हिंदुस्तान ने देखा, जब हर राजा का सिर मुगल सल्तनत के झंडे के आगे झुकता था. बाबर की ओर से मुगल साम्राज्य की नींव डाले जाने के बाद से हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब ने इसको आगे बढ़ाया. मुगलों ने कई ऐसे आदेश पारित किए, जिनको उस वक्त के भारत की दशा और दिशा तय की. मुगल राज में हिंदुओं पर तीर्थस्थलों में दर्शन को लेकर टैक्स भी लगाया जाता था.

Zee News Desk
Apr 08, 2023

कई बार मुगलों के सेक्युलरिज्म को लेकर सवाल उठते हैं. यह भी पूछा जाता है कि मुगल साम्राज्य का सबसे सेक्युलर बादशाह कौन था.

एक मशहूर आर्कियोलॉजिस्ट डॉ. केके मोहम्मद ने 80 के दौर में फतेहपुर सीकरी में अकबर के इबादतखाने की तलाश की थी.

इसी जगह अकबर ने दीन-ए-इलाही नाम के धर्म के सिद्धातों के बारे में सोचा था. इस जगह को कई लोग इंडियन सेक्युलरिज्म की पहली कक्षा भी कहते हैं.

केके मोहम्मद एक पुराना किस्सा सुनाते हैं. एक बार कुछ पुर्तगालियों ने होर्मुज में कुरान एक गधे के गले में बांध दी और उसको मार्केट में छोड़ दिया.

जब यह खबर मुगल सल्तनत के ऊंचे-ऊंचे किलों को फांदकर अकबर की मां हमीदा बेगम तक पहुंची तो वह बहुत नाराज हो गईं.

उन्होंने अकबर से कहा कि आगरा में किसी कुत्ते के गले में बाइबिल बांधकर छुड़वा दें.

लेकिन अकबर ने अपनी मां की इस बात को नहीं माना. बादशाह ने कहा कि अगर पुर्तगालियों ने गलत हरकत की है तो हमारा यह करना भी गलत होगा.

एक अन्य इतिहासकार तृप्ता वाही के मुताबिक, सेक्युलरिज्म के मामले में अकबर जैसा कोई नहीं था. उसने राज्य को धर्म से अलग रखा.

उनके मुताबिक,अकबर ने ही भारत में दास प्रथा का खात्मा किया. अपने दावे में उन्होंने कहा कि अकबर ने अपने राज में सती प्रथा को भी खत्म कर दिया था.

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