हर दिन भारतीय रेलवे ना जाने कितने यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती है. अगर इंडियन रेलवे को आम जनता के लिए यातायात की लाइफलाइन कहें तो गलत नहीं होगा.

Rachit Kumar
Apr 02, 2023

भारतीय रेलवे में लोग यात्रा के लिए महीनों पहले बुकिंग करा लेते हैं. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि दो पटरियों के बीच में थोड़ी खाली जगह क्यों छोड़ी जाती है. आइए आपको बताते हैं

अकसर लोग सोचते हैं कि कहीं पटरियों में गैप के कारण ट्रेन हादसे की शिकार न हो जाए. लेकिन ऐसा नहीं है. ट्रेन को दुर्घटना से बचाने के लिए ही पटरियों के बीच थोड़ी खाली जगह छोड़ी जाती है.

इसकी एक बड़ी साइंटिफिक वजह भी है. दरअसल पटरियों का निर्माण लोहे से होता है.

गर्मियों के मौसम में लोहा फैलने लगता है. सर्दियों में मौसम में यह सिकुड़ता है. यह लोहे की सामान्य प्रकृति है.

अगर पटरियों के बीच में गैप न छोड़ा जाए तो वह टेढ़ी भी हो सकती हैं. गर्मी के मौसम में लोहे को फैलने के लिए कुछ जगह मिल सके, इसलिए पटरियां बिछाते वक्त उसमें गैप छोड़ा जाता है.

पटरियों को अगर फैलने की जगह नहीं मिलेगी तो उन पर अधिक दबाव पड़ेगा और वह टूट भी सकती हैं.

हालांकि अब इंडियन रेलवे पटरियों के बीच के गौप को कम करने के प्रयास कर रहा है.

भारतीय रेलवे वेल्डिंग के जरिए इन पटरियों को जोड़ रही है.

हालांकि थोड़ा गैप फिर भी रखा गया है ताकि गर्मी के मौसम में पटरियों के फैलने की वजह से उन पर नेगेटिव असर न पड़े.

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