पहली बार कर रही हैं छठ पूजा, इन नियमों का रखें ध्यान

Zee News Desk
Nov 15, 2023

छठ ऐसा व्रत है जिसमें महिलाएं 36 घंटे तक का निर्जला व्रत रखती हैं.

छठ दीपावली के छठे दिन मनाया जाता है इसलिए इस बार छठ 18 नवम्बर को मनाया जाएगा और 19 नवम्बर को सुबह छठ का अर्घ दिया जाएगा.

इस त्योहार को घर से दूर घाट पर मनाया जाता है. घाट पर महिलाएं एकत्रित होकर गंगा माता को दीप जलाकर गीत गाती हैं.

इस त्यौहार में महिलाएं अपने परिवार के लोगों की मदद से खजूर बनाती हैं और यही इस त्योहार का मुख्य प्रसाद होता है.

घाट पर जाने से पहले डलिया में खजूर के प्रसाद के साथ साथ हर तरीके का फल ले जाते हैं जैसे केला , नारियल, गन्ना , बड़ा वाला या डाभ नींबू, सिंघाड़ा, सुपारी, सुथनी, अतर्रा नींबू  या डाभ नींबू, पत्ता वाला हल्दी, पत्ता वाला अदरक आदि.

इस त्यौहार में सूर्य भगवान की पूजा की जाती है. ये इकलौता ऐसा त्यौहार है जिसमें उगते हुए सूर्य के साथ साथ डूबते हुए सूर्य की भी पूजा की जाती है.

इस त्यौहार में महिलाएं सुबह में सूर्य भगवान को अर्घ देने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं और उसके बाद ही प्रसाद खाया जा सकता है.

ज्यादातर महिलाएं जो पहली बार छठ करती हैं वो अपने मायके से ही शुरुआत करती हैं. और बहुत सी महिलाएं पहली बार छठ करते समय कोशी भी भरती हैं.

लेकिन ये कोई निश्चित नियम नहीं है क्योंकि कुछ महिलाएं छठ उठाने के 4 साल या 5 साल बाद कोशी भरती हैं.

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