दुनिया का पहला 'जीरो-वेस्ट' रेस्टोरेंट, खोजने पर भी नहीं मिलेगा कचरा और डस्टबिन

लंदन में स्थित सिलो रेस्टोरेंट दुनिया का पहला ऐसा रेस्टोरेंट है जहां आपको कहीं भी कचरा डालने के लिए डस्टबिन नहीं मिलेगी.

ये रेस्टोरेंट 'जीरो-वेस्ट' फिलोसोफी पर चलता है, यानि यहां खाना बनाने से लेकर परोसने तक हर चीज में कचरे को कम करने का लक्ष्य रखा गया है.

इस रेस्टोरेंट में नोज़ टू टेल कुकिंग टेक्नीक अपनाई जाती है. इसका मतलब है कि नॉनवेज में जानवरों के सभी अंग और वेज डिश में सब्जियों के जड़, तने और पत्ते सबका यूज होता है.

सिलो रेस्टोरेंट लोकल और सीजनल सामग्री का इस्तेमाल होता है. इससे ट्रांसपोर्ट की जरूरत कम हो जाती है, जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम होता है.

यह रेस्टोरेंट खाने को परोसने के लिए डिस्पोज़ेबल पैकेजिंग का इस्तेमाल नहीं करता है. इसकी जगह वे इटेबल पैकेजिंग का इस्तेमाल करते हैं. जैसे- वेज सूप को ब्रेड कोन में परोसा जाता है.

रेस्टोरेंट के अवशेषों को खाद में बदल दिया जाता है, जिसका इस्तेमाल फिर से रेस्टोरेंट में सब्जियां उगाने के लिए किया जाता है.

यहां तक कि इस्तेमाल किए गए कॉफी को भी फेंका नहीं जाता. इनका इस्तेमाल बायोडीजल बनाने में किया होता है, जिसका इस्तेमाल रेस्टोरेंट में ही खाना पकाने के लिए किया जाता है.

रेस्टोरेंट में बोतल वाले ड्रिंक्स नहीं परोसे जाते हैं. इसके बजाय, वे फलों, जड़-बूटियों और मसालों से खुद का तैयार किया हुआ ड्रिंक बनाते हैं.

बर्तन धोने और पानी की खपत को कम करने के लिए रेस्टोरेंट वाटरलेस यूरिनल और कम पानी वाले डिशवॉशर का इस्तेमाल होता है.

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