US की नौकरी छोड़ निकला पेड़ों को बचाने, इस लड़के की स्टोरी पढ़ आप भी कहेंगे वाह
Ritika
Mar 31, 2024
हैदराबाद के उदय कृष्ण
हैदराबाद के उदय कृष्ण जिनकी उम्र 55 साल है. इनके पास अमेरिका में काफी अच्छी खासी नौकरी थी लेकिन 2001 में पेड़ों की खोज और बचाव के लिए भारत आ गए. उन्होने 40,000 किमी की यात्रा की.
उदय कृष्ण का एक ही मकसद है पेड़ों की खोज और सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता को बढ़ाना. उनका इरादा है सभी 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जाकर पेड़ो की खोज करना.
उदय कृष्ण से टीओआई (TOI) ने बात की तो कर्नाटक से ओडिशा, उसके बाद पश्चिम बंगाल और झारखंड के दौरे पर थे. साधारण से साधारण पेड़ो की सुरक्षा और जागरूकता को फैलने में उन्होने किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी.
उदय ने कर्नाटक में बेलगाम में लगे एक पेड़ पर नजर डाली, जो की 400 साल पुराना 'कडलगे बरगद' था. जो की बेहद ही कमजोर सा नजर आ रहा था, उन्होने आगे बताया अनंत पुर जिले के गूटी ब्यलू में 250 साल पुराना थिम्मम्मा मार रिमानु जो की गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल है, वो पेड़ भी विलुप्त होने के खतरे पर टिका है.
उदय ने यह भी बताया की काफी जिलों में ऐसे कई पेड़ है जिनकी सुरक्षा और देखभाल के लिए कोई भी नहीं है. सभी पेड़ ऐसी रहे तो, धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे.
उदय ने आगे बताया कि अमरिंद का पेड़ 500 साल तक जिंदा रहता है, लेकिन कर्नाटक के विजयपुरा जिले के देवारा हिप्पारागी गांव में अमरिंद का पेड़ है, जो की 885 साल पुराना ये पेड़ तो कुतुब मीनार से भी पुराना है. उन्होने कहा इसकी अच्छे से देखभाल करनी बहुत जरूरी है.
कई पेड़ ऐसे भी हैं जो मुगलों से भी पुराना से भी पुराने हैं. कई ऐसी जगह भी देखी जहां पर पुराने लोगों और मुगलों के बारे में भी पता चला. कोल्हापुर जिले के इरसंगी गांव में लगभग 300 साल पुराना पेड़ है, जिसे महाराष्ट्र में सबसे बड़े बरगद के पेड़ के रूप में माना जाता है.
दक्षिण गोवा के श्री संस्थान गोकर्ण पार्टगली जीवोत्तम मठ में एक बरगद का पेड़ है जो कि 80 फीट ऊंचा है. इस पेड़ का नाम गिनीज बुक में भी शामिल है. ये पेड़ लगभग 500 साल पुराना है. पुर्तगाली शासन से भी पुराना ये पेड़ जान पड़ता है.