सफलता मिलने के बाद भी नहीं मिल रही खुशी, दे सकती है इस गंभीर बीमारी के संकेत

Zee News Desk
Sep 19, 2024

हर इंसान को अपनी कमियां उजागर होने से डर लगता है.

चाहे वो धोखेबाज होना हो या फेल होने के बाद की चिंताएं, असुरक्षा या डर. ये सभी इस घटना का हिस्सा है जिसे इम्पोस्टर सिंड्रोम कहते हैं.

बेवजह चिंता, सफलता का आनंद लेने में डरना या फिर ऐसा सोचना कि मैं कभी करियर में आगे नहीं बढ़ सकता.

पहली बार इस सिंड्रोम को 1978 में मनोवैज्ञानिक पॉलीन रोज़ क्लांस और सुज़ैन इमेस द्वारा खोजा गया था और नाम दिया गया था.

इस सिंड्रोम के कारण अक्सर लोग खुद को धोखेबाज या नकली महसूस करने लगते हैं और अपनी क्षमताओं पर संदेह करते हैं.

ऐसे लोगों को कभी भी सफलता की खुशी का अनुभव नहीं होता क्योंकि वे हमेशा अपनी नाकामी सामने आने का इंतजार करते रहते हैं.

इस सिंड्रोम से जूझ रहे लोगों के लिए ये जरुरी है कि वो समय रहते ही किसी Psychologist से बात करके समाधान निकालें.

अगर आप इसके शुरुआती चरण में हैं तो आप अपने दोस्त और परिवार के लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने और आत्मविश्वास को बढ़ाने की कोशिश करें.

VIEW ALL

Read Next Story