गुस्सैल हनुमानजी का स्टीकर तो आप सबने देखा होगा, अब जानें इसके पीछे की कहानी

Alkesh Kushwaha
May 10, 2024

कौन है करण आचार्य?

करण आचार्य, केरल के कुंबला गांव के 29 साल के ग्राफिक डिजाइनर ने कभी नहीं सोचा था कि उनका बनाया हुआ "गुस्सैल हनुमानजी" वाला पोस्टर पूरे भारत में इतना लोकप्रिय हो जाएगा.

गुस्सैल हनुमानजी

इस पोस्टर में हनुमान जी का जो रूप दिखाया गया है, वो आम तौर पर दिखाए जाने वाले हनुमान जी से काफी अलग है.

काले और केसरिया वाले हनुमानजी

नौ साल पहले बनाए गए इस पोस्टर में हनुमान जी को गहरे रंगों (काले और केसरिया) में दिखाया गया है, जो हट्टे-कट्टे और गुस्से में दिखते हैं.

पूरे भारत में पॉपुलर

यह वाले हनुमान जी पहले दिखाए जाने वाले कोमल और गुलाबी गालों वाले भगवान राम के सेवक से बिल्कुल अलग है. ये पोस्टर अब पूरे भारत के शहरों में देखा जा सकता है.

गाड़ी-बाइक-रिक्शा हर जगह

अब हर जगह "गुस्सैल हनुमानजी" वाला पोस्टर देखने को मिलता है - गाड़ियों की विंडस्क्रीन पर, बाइक के वाइजर पर, ऑटो रिक्शा के पीछे, बसों पर, दीवारों पर, दुकानों की खिड़कियों पर और यहां तक कि टी-शर्ट और घड़ियों पर भी.

नहीं था कोई इरादा

असल में करण आचार्य का ऐसा इरादा नहीं था. आचार्य ने कहा, "मैंने 2015 में ये डिजाइन अपने दोस्तों के ग्रुप 'आर्यन' के लिए बनाया था. उन्हें अपने झंडे के लिए एक नया लुक चाहिए था, इसीलिए ये 'गुस्सैल हनुमानजी' वाला पोस्टर बना, जैसा कि अब सब लोग इसे बुला रहे हैं."

अलग अंदाज में दिखाने के चक्कर में बना

उन्होंने आगे बताया कि वो हनुमान को थोड़े अलग अंदाज में दिखाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इसे थोड़ा "एटिट्यूड" दिया. ये गुस्से का प्रतीक बिल्कुल नहीं था.

गुस्सा नहीं, ताकतवर हैं

आर्टिस्ट का कहना है कि "मेरे हनुमान में गुस्सा नहीं, बल्कि दम है. वो ताकतवर हैं, दबाने वाले नहीं. लेकिन कला यही तो है ना, इसे हर कोई अपने हिसाब से समझ सकता है."

2017 से बैंगलोर में ये ट्रेंड

ये "गुस्सैल हनुमानजी" वाला पोस्टर देश का नया चिन्ह बन गया है. सबसे पहले 2017 में बैंगलोर में ये ट्रेंड देखा गया था, जब लोगों ने देखा कि पूरे शहर में हर जगह गुस्से वाले हनुमान जी का स्टीकर चिपका हुआ है. अब ये तस्वीर भारत के ज्यादातर शहरों में भी वायरल हो चुकी है.

VIEW ALL

Read Next Story