इस मुगल बादशाह से टकराना अंग्रेजों को पड़ा भारी, हो गए कंगाल

Lalit Rai
Aug 12, 2023

डच और पुर्तगालियों का था दबदबा

मुगलों के समय से डच और पुर्तगाली व्यापारी भारत में व्यापार कर रहे थे, अलग अलग जगह पर कारखाने लगा रहे थे.

अंग्रेजों को नहीं मिली तवज्जो

डच और पुर्तगाली व्यापारियों की अकूत संपदा सुन ईस्ट इंडिया कंपनी ने व्यापार की योजना बनाई. वो मुगल दरबार में आए लेकिन उस हद तक तवज्जो नहीं मिली

जब भड़क उठा जोजाया

अंग्रेजों को जब यह पता चला कि वो डच और पुर्तगाली व्यापारियों की तरह व्यापारिक अधिकार नहीं हासिल कर रा रहे तो ईस्ट इंडिया कंपनी का सर्वेसर्वा जोजाया को काफी गुस्सा आया

जोजाया ने जंग का किया ऐलान

जोजाया ने बे ऑफ बंगाल यानी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से गुजरने वाले जहाजों को रोकने का आदेश दिया था. जोजाया ने इस काम के लिए कुछ खास सैनिकों को भी भेजा था जिसे जंग-ए-चाइल्ड नाम से जाना गया.

औरंगजेब था मुगल बादशाह

जोजाया शायद इस बात का अंदाजा नहीं लगाया उसके सामने कोई और नहीं बल्कि औरंगजेब था. मुगलों की सेना में 9 लाख सिपाही थे. जब अंग्रेजों ने मुगलों के नाव को रोका तो मुगलिया फौज ने अंग्रेजों के नावों को जब्त कर लिया.

मुगलों ने धूल चटा दी

एलेक्जेंडर हेमिल्टन बताते हैं कि मुगल सेना का नेतृत्व अल बहर सिदी कर रहा था और उसने 20 हजार सैनिकों के साथ धावा बोला और अंग्रेजों को धूल चटा दी

बेरहमी से मारे गए अंग्रेज

मुगल सेना ने ईस्ट इंडिया के प्रभुत्व वाले कई इलाकों में जमकर लूटपाट की. जिसने विरोध किया उसे बेरहमी से मार दिया गया.

मुगलिया एक्शन से तबाह हुए अंग्रेज

इतिहासकार बताते हैं कि अंग्रेजों ने मुगल बादशाह औरंगजेब की ताकत समझने में भूल की थी और उसका असर यह हुआ कि उनका व्यापार प्रभावित हुआ और एक तरह से कंगाल हो गए.

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