बादशाह हुमायूं को जब भेजी थी चितौड़ की रानी ने राखी, रखी थी लाज

Pooja Attri
Sep 21, 2023

इतिहासकारों के मुताबिक जब गुजरात के शासक बहादुर शाह जफर ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया था.

तो मेवाड़ की रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा का पैगाम भेजा था.

हुमायूं के मुसलमान होते हुए भी उनहोंने राखी की लाज रखी और अपनी विशाल सेना लेकर मेवाड़ के लिए चल पड़े.

मगर उनके पहुंचने में थोड़ी देर हो गई और तब तक महारानी कर्णावती समेत हजारों वीरांनाओं ने अग्नि में आहूति दे दी थी.

इस समय तक बहादुरशाह ने चित्तौड़ पर जीत हासिल कर ली थी.

फिर ये देखकर हुमायूं ने महारानी कर्णावती की चिता की राख को अपने माथे पर लगाकर अपने भाई होने का कर्तव्य निभाया.

इतिहास के पन्नों पर आज भी हुमायूं का ये कर्तव्य सुनहरे अक्षरों में दर्ज है.

Disclaimer:प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है.

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