उत्तराखंड का टिहरी बांध टूटा तो क्या होगा? जरा देखिए

Alkesh Kushwaha
Jun 20, 2024

टिहरी बांध

टिहरी बांध 260 मीटर की ऊंचाई के साथ एशिया के सबसे ऊंचे बांधों में से एक है और यह भारत का सबसे ऊंचा बांध है.

क्या है लंबाई-चौड़ाई

इसकी लंबाई 575 मीटर, चौड़ाई ऊपर से 20 मीटर और नीचे से 1,128 मीटर है.

कितना है दायरा

यह बांध 52 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले जलाशय का निर्माण करता है जिसमे 2.6 घन किलोमीटर पानी समा सकता है.

दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण

टिहरी बांध दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजना है जो हिमालय से निकलने वाली भागीरथी और भिलंगना नदियों के पानी का उपयोग करती है.

बिजली

सिंचाई और पीने के पानी के अलावा यह बांध 1,000 मेगावाट बिजली भी पैदा करता है.

आइडिया 1961 में

टिहरी बांध का आइडिया 1961 में आया था और 1978 में इस सपने को साकार करने का काम शुरू हुआ.

रूस ने की मदद

फिर भी, रूस की मदद से पैसे की कमी जैसी परेशानियों को पार करते हुए आखिरकार 2006 में ये बांध बनकर तैयार हो गया.

विनाशकारी बाढ़ का खतरा

अगर टिहरी बांध टूट जाता है, तो यह एक भयानक आपदा होगी जिसके परिणामस्वरूप ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ और बुलंदशहर पूरी तरह जलमग्न हो जाएंगे.

डूब जाएगा ऋषिकेश-हरिद्वार

एक घंटे के अंदर ऋषिकेश और हरिद्वार पूरी तरह से पानी में डूब जाएंगे.

12 घंटे में मेरठ

12 घंटे में बांध का पानी मेरठ तक पहुंच जाएगा. टिहरी बांध की 42 किलोमीटर लंबी झील मात्र 22 मिनट में खाली हो जाएगी. (Disclaimer: प्रिय पाठक, खबर में सभी तस्वीरें एआई से बनाई गई है. इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है.)

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