जन्म लेते ही आंखें खो बैठे थे ये संत...हासिल की इतनी उप्लब्धियां की चौंक जाएंगे आप

Zee News Desk
Aug 09, 2024

संतों का महत्व

हिंदू धर्म में साधु-संतों का हमेशा से ही बहुत खास महत्व रहा है.

बताते है सही मार्ग

सच्चे और तपस्वी साधु-संत अपने प्रवचन और ज्ञान के भंडार से भक्तों को सही रास्ता बताते हैं.

गुरू

आज हम बताएंगे आपको ऐसे संत के बारे में जो आध्यात्मिक गुरु हैं और 2 महीने की उम्र से ही अंधे हैं.

मल्टीटैलेंटेड

ये शिक्षक, लेखक, संगीतकार, नाटककार, 22 भाषाएं जानने वाले और 80 ग्रंथ के रचयिता हैं.

जगद्गुरु रामभद्राचार्य

हम बात कर रहे हैं तुलसी पीठाधीश्वर और पद्मविभूषण से सम्मानित जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी स्वामी महाराज के बारे में.

भविष्यवाणियां

नेत्रहीन होते हुए भी उन्होंने कई भविष्यवाणियां की जिनमें कई सही हुई. ये विश्व का पहला विकलांग विश्वविदयालय भी चला रहे हैं.

ट्रेकोमा

ट्रेकोमा से संक्रमित होने के कारण 2 महीने की उम्र में ही इनकी आंखों की रोशनी चली गई थी.

सम्मान

पद्म विभूषण सहित देवभूमि पुरस्कार (2011), साहित्य अकादमी पुरस्कार (2005), बद्रायण पुरस्कार(2004) और राजशेखर सम्मान (2003) से सम्मानित हो चुके हैं.

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