क्या है पाकिस्तान की मैंगो डिप्लोमेसी जिसमें फंस गए भारत के सांसद? क्या कहा शशि थरूर ने?

Zee News Desk
Aug 08, 2024

आम की परंपरा

पाकिस्तानी सरकार भारत के सांसदों को आम भेजकर मैंगो डिप्लोमेसी कर रही है जिसे अच्छी दोस्ती के रूप में देखा जा रहा है.

2015 की मिसाल

आमों की टोकरियां आमतौर पर सीज़न में एक-दूसरे को भेजी जाती हैं. यह एक पुरानी परंपरा है जो दोस्ती और संबंधों को मजबूत करने का एक तरीका है.

मौजूदा विवाद

2015 में ईद के दौरान, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को आम भेजे थे.

पाकिस्तान से आए आमों को लेकर विवाद है क्योंकि कहा जा रहा है कि ये आम केवल विपक्ष के सांसदों को भेजे गए हैं, जिससे साजिश की आशंका जताई जा रही है.

शशि थरूर का बयान

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान हाई कमीशन की ओर से आम भेजे जाने के दावों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा कुछ देखा या सुना नहीं है.

मैंगो डिप्लोमेसी का इतिहास

आम कूटनीति कोई नई बात नहीं है. 1981 में पाकिस्तानी राष्ट्रपति जिया उल हक ने भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को खास 'अनवर रटौल' आम भेजे थे.

2015 का उदाहरण

2015 में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ईद पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत अन्य नेताओं को 10 किलो आम भेजे थे.

भारत-पाकिस्तान संबंध

आम को दोनों देशों में राष्ट्रीय फल माना जाता है. हालांकि, आतंकवादी गतिविधियों और सीमा पर अस्थिरता के कारण रिश्ते में तनाव बढ़ गया है.

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