नवरात्रि में हर किसी पर चढ़ता है डांडिया का खुमार, क्या कभी सोचा है कब और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत

Zee News Desk
Sep 30, 2024

नवरात्र आते ही पूरा देश इस त्योहार के जश्न में डूब जाता है. नौ दिनों तक लोग मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं.

इस फेस्टिवल से जुड़ी एक और खास चीज है, जिसका नाम सुनते ही लोगों का दिल जोश और उत्साह से भर जाता है.

दरअसल, नवरात्रि का नाम सुनते ही सबसे पहले मन में डांडिया और गरबा का ख्याल आता है.

हम में से कई लोगों को गरबा खेलना काफी पसंद होगा, लेकिन शायद बहुत कम ही लोग होंगे, जिन्हें इसका इतिहास पता होगा.

गरबा की परंपरा कम से कम 15वीं शताब्दी से चली आ रही है. ये गुजरात के गांवों से शुरू हुआ था और आज की तारीख में ये पूरे देश में खेला जाता है.

गरबा महिषासुर राक्षस पर देवी दुर्गा की जीत की याद में किया जाता है. पहले दिन मिट्टी के घड़े में छेद कर इसमें दीपक जलाकर इसमें चांदी का सिक्का डाला जाता है.

इस दीप गर्भ के आसपास महिलाएं और पुरुष देवी मां को प्रसन्न करने के लिए गरबा करते हैं. गरबा खेलने के लिए डांडिया, चुटकी और ताली का इस्तेमाल किया जाता है.

VIEW ALL

Read Next Story