क्या भारत में हुई थी Binary सिस्टम की खोज?

Zee News Desk
Aug 06, 2024

जर्मनी की खोज

भारत की अनेक खोजों में से एक है बाइनरी सिस्टम जिसे काफी सालों तक दुनिया मानती रही जर्मनी की खोज

क्या होता है बाइनरी

बाइनरी नंबर एक संख्या है जिसे बेस-2 अंक प्रणाली या बाइनरी अंक प्रणाली में व्यक्त किया जाता है.

0 और 1

बाइनरी नंबर केवल दो प्रतीकों का उपयोग करता है, आम तौर पर 0 और 1 .

बाइनरी पैटर्न

बाइनरी कोड प्रत्येक वर्ण, निर्देश को बाइनरी अंकों का पैटर्न प्रदान करता है जिसे बिट्स भी कहा जाता है.

खोज का श्रेय

ऐसे तो गॉटफ्रीड विल्हेम लीबनिज को बाइनरी नंबर सिस्टम की खोज का श्रेय दिया जाता है.

कब हुई थी खोज?

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च के अनुसार बाइनरी सिस्टम की खोज भारत में दूसरी सदी में हुई थी.

आचार्य पिंगला

आचार्य पिंगला एक प्राचीन भारतीय गणितज्ञ थे जिन्होंने बाइनरी सिस्टम का आविष्कार किया था.

पिंगला-सूत्र

आचार्य पिंगला ने पिंगला-सूत्र की रचना की थी जो 6 वेदांगों या वैदिक अध्ययन में से एक है.

मोर्स कोड

आचार्य पिंगला ने बाइनरी संख्याओं का उपयोग छोटे और लंबे सिलेबस के रूप में किया जो मोर्स कोड के समान है.

बख्शाली पांडुलिपि

कुछ समय पहले वैज्ञानिकों ने प्राचीन भारतीय पाठ बख्शाली पांडुलिपि की खोज की थी.

खोज

बख्शाली पांडुलिपि की खोज सन 1881 में बख्शाली गांव (वर्तमान पाकिस्तान) में पेशावर के पास हुई थी.

शून्य

बख्शाली पांडुलिपि शून्य और गणित के इतिहास को फिर से लिखता है.

आविष्कार

इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बाइनरी कोड का आविष्कार भारत में हुआ था.

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