लैब में कैसे बनता है Diamond? असली हीरे से कितना होता है अलग

Zee News Desk
Sep 12, 2023

आज हम बात करेंगे खदान से निकलने वाला चमकदार हीरे की नहीं, बल्कि लैब में बनाए हुए चमकदार हीरे की.

बजट भाषण में इसकी तारीफ करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि लैब ग्रोन डायमंड टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और रोजगार को बढ़ावा देने वाला सेक्टर है.

बजट में लैब ग्रोन डायमंड के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए IIT को पांच साल का रिसर्च ग्रांट देने की घोषणा की गई है.

लैब ग्रोन हीरे बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कार्बन सीड पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 5% से घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव है.

कुदरती हीरे धरती के गर्भ में लाखों साल में बनते हैं और माइनिंग के जरिए निकाले जाते हैं,वही लैब ग्रोन डायमंड को प्रयोगशालाओं में बनाया जाता है.

दोनों का केमिकल कंपोजिशन यानी जिन पदार्थ से हीरे बनते हैं, वह भी एक जैसा होता है.

लैब ग्रोन डायमंड लैब में एक से चार हफ्तों में तैयार हो जाते हैं, इन्हें भी सर्टिफिकेट के साथ बेचा जाता है.

लैब ग्रोन डायमंड बेचने वाली कंपनी एस्ट्रेला के को-फाउंडर कहते हैं, हम कुदरती हीरे का सीड लेकर ही लैब ग्रोन डायमंड बनाते हैं.

कुदरती हीरा कार्बन से बना होता है, यह जमीन के अंदर भारी दबाव और बहुत ऊंचे तापमान में लाखों वर्षों में तैयार होता है.

कार्बन को लैब में जमा करके हाई प्रेशर और हाई टेंप्रेचर के साथ ट्रीट किया जाए तो तो आर्टिफिशल हीरा यानी लैब ग्रोन डायमंड बनता है.

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