"मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शोहरत......" बाग बाग हो जाएंगा दिल अगर पढ़ लीं, युवाओं के फेवरेट ज़ाकिर खान की ये 8 शायरियां,

Zee News Desk
Sep 28, 2024

मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शोहरत, तेरा ज़िक्र ही कहां था , मेरी दास्तान से पहले।

मैं शून्य पे सवार हूँ, बेअदब सा मैं खुमार हूँ....अब मुश्किलों से क्या डरूं, मैं खुद कहर हज़ार हूँ, मैं शून्य पे सवार हूँ

मेरी अपनी और उसकी आरज़ू में फर्क ये था मुझे बस वो... और उसे सारा जमाना चाहिए था।

तुम भी कमाल करते हों , उम्मीदें इंसान से लगा कर....शिकवे भगवान से करते हो।

यूँ तो भूले है हमे लोग कई, पहले भी बहुत से...पर तुम जितना कोई उनमे से याद नहीं आया..

वो तितली की तरह आयी और ज़िन्दगी को बाग कर गयी....मेरे जितने भी नापाक थे इरादे, उन्हें भी पाक कर गयी।

खजाने लूट रहे थे मां बाप की छाव में, हम कौड़ियों के खातिर, घर छोड़ के आ गए।

कामयाबी हमने तेरे लिए खुद को यूँ तैयार कर लिया, मैंने हर जज़्बात बाज़ार में रख कर इश्तेहार कर लिया..

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