यहां पर जाने के बाद ही पूर्ण होती है 4 धाम की यात्रा, सतयुग से जुड़ा है इस स्थान का इतिहास
Zee News Desk
Jul 25, 2024
हर साल हजारों लोग 4 धाम की यात्रा के लिए जाते हैं. मगर बहुत कम लोगों को पता है कि इस स्थान पर दर्शन किए बगैर की गई 4 धाम की यात्रा अधूरी मानी जाती है.
अगर आपको धार्मिक पर्यटन का शौक है, तो लखनऊ क्षेत्र के सीतापुर जिले में गोमती नदी के किनारे बसा नैमिषारण्य जरूर जाना चाहिए.
नैमिषारण्य
ये जगह सतयुग के जमाने की है. यहां पर कई महान ऋषि मुनियों का इतिहास शास्त्रों पुराणों में लिखा हुआ है.
श्रीराम ने किया था अश्वमेघ यज्ञ
रामायण में बताया गया है कि त्रेता युग में भगवान श्री राम ने इसी स्थान पर अश्वमेघ यज्ञ किया था.
यहां के मुख्य आकर्षण
यहां पर एक चक्रतीर्थ सरोवर है, जहां पर एक बिंदु के चारों ओर जल भरा हुआ है. इसके अलावा यहां पर व्यास नदी, हवन कुंड, पंचप्रयाग जैसे कई पवित्र स्थल मौजूद है.
टाइमिंग
ये इलाका जंगलों से घिरा हुआ है. नैमिषारण्य मंदिर के दर्शन शाम के 6 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है.
कैसे जाएं
नैमिषारण्य रेलवे स्टेशन सीतापुर रेलवे स्टेशन से करीब 25 किलोमीटर दूर है. यहां जाने के लिए बालामऊ जंक्शन जा सकते हैं, जहां से सीतापुर के लिए ट्रेन मिल जाएंगी.
मान्यताएं
नैमिषारण्य के लिए शास्त्रों में बताया गया है कि इस जगह को कलियुग से बचाने के लिए 88 ऋषियों ने एकसाथ मिलकर तपस्या की थी. वहीं इस जगह में सभी तीर्थों का वास रहता है.
Disclaimer
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