नागा साधु से जुड़ी ये 5 बातें नहीं जानते होंगे आप

Zee News Desk
Aug 13, 2023

हिंदू धर्म में साधु-संतों को ईश्वर के सबसे करीब माना जाता है.

भौतिक सुखों का त्याग

साधु-संत भौतिक सुखों का त्याग कर सत्य और धर्म का मार्ग अपनाते हैं. साधु-संतों की वेशभूषा सामान्य जन से बिल्कुल अलग होती है.

नागा साधु-

नागा साधुओं की बात की जाए तो उन्हें आजीवन निर्वस्त्र रहना होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वस्त्र को सांसारिक जीवन और आडंबर का प्रतीक माना जाता है.

नागा का अर्थ-

नागा का अर्थ होता है नग्न. नागा साधु आजीवन नग्न अवस्था में ही रहते है. चाहे कैसा भी माहौल क्यों न हो.

यह भी है वजह-

नागा साधु प्रकृति और प्राकृतिक अवस्था को महत्व देते हैं. इसलिए भी वे वस्त्र नहीं पहनते हैं. इनके शरीर पर भस्म और जटा भी नागा साधुओं की पहचान होती है.

ऐसा है मानना-

नाग साधुओं का ऐसा मानना होता है कि इंसान निर्वस्त्र जन्म लेता है अर्थात यह प्राकृतिक अवस्था है.

ब्रह्मचर्य की परीक्षा-

नागा साधुओं को ब्रह्मचर्य की परीक्षा से गुजरना पड़ता है. इसमें 6 महीने से 1 साल तक का समय लग सकता है.

सांसारिक सुखों का त्याग-

नागा साधु बनने से पहले अपने बीते सांसारिक जीवन का त्याग करने के लिए नागा साधु अध्यात्मिक जीवन में आने से पहले स्वयं का पिंडदान करते हैं.

नहीं करते हैं निंदा-

नागा साधु किसी अन्य व्यक्ति के समक्ष सिर झुकाते हैं और ना ही निंदा करते हैं. उनका आशीर्वाद लेने के लिए केवल वरिष्ठ सन्यासियों के समक्ष ही झुकता है.

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