शिवपुराण के अनुसार जिस मनुष्य को दिशाओं का ज्ञान न हो, मन में बैचेनी छाई रहे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने में हो सकती है.
जिस व्यक्ति को अचानक नीली मक्खियां आकर घेर ले, उसकी आयु एक महीना ही बाकी रह जाता है.
शिवपुराण में इस बात का जिक्र है कि जिस मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौआ आकर बैठ जाए, वह एक महीने के भीतर मर सकता है.
अगर, अचानक किसी व्यक्ति का शरीर सफेद या पीला पड़ जाए और लाल निशान दिखाई दें तो समझना चाहिए कि उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाएगी.
जिस मनुष्य को चंद्रमा व सूर्य के आसपास का चमकीला घेरा काला या लाल दिखाई दे, तो उस मनुष्य की मृत्यु 15 दिन के अंदर हो सकती है.
त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) में जिसकी नाक बहने लगे, उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता. यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह जानना चाहिए कि 6 महीने में उसकी आयु समाप्त हो जाएगी.
जब कोई व्यक्ति अपनी परछाई को सिर से रहित देखे या अपनी परछाई को छाया से रहित पाए, तो ऐसा मनुष्य एक महीने भी जीवित नहीं रह सकता.
जब किसी मनुष्य का बायां हाथ लगातार एक सप्ताह तक फड़कता ही रहे, तब उसका जीवन एक मास ही शेष है, ऐसा जानना चाहिए.
जिस मनुष्य को ध्रुव तारा या सूर्यमंडल का भी ठीक से दर्शन न हो. रात में इंद्रधनुष और दोपहर में उल्कापात होता दिखाई दे तथा गिद्ध और कौवे घेरे रहें तो उसकी आयु 6 महीने से अधिक नहीं होती.
जो मनुष्य अचानक सूर्य और चंद्रमा को राहु से ग्रस्त देखता है (चंद्रमा और सूर्य काले दिखाई देने लगते हैं) और संपूर्ण दिशाएं जिसे घुमती दिखाई देती हैं, उसकी मृत्यु 6 महीने के अंदर हो जाती है.
शिवपुराण के अनुसार जो व्यक्ति हिरण के पीछे होने वाली शिकारियों की भयानक आवाज को भी जल्दी नहीं सुनता, उसकी मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाती है.
शिवपुराण के अनुसार जिस व्यक्ति को आग की रोशनी ठीक से दिखाई न दे और चारों ओर काला अंधकार दिखाई दे तो उसका जीवन भी 6 महीने के भीतर समाप्त हो सकता है.