मां तुलसी और भगवान शालिग्राम की पूजा विवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि लाती है.
Oct 25, 2023
जिसके विवाह में देरी होती है या बाधांए आती हैं उसका भी निराकरण होता है.
घर परिवार में सुख शांति का वास होता है और शत्रुओं से रक्षा होती है.
तुलसी हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र और पूजनीय मानी गई हैं. असल में तुलसी देवी लक्ष्मी का ही रूप हैं.
तो चलिए जानें तुलसी कैसे वृंदा से तुलसी बनी और और भगवान विष्णु के अवतार शलिग्राम से उनका विवाह हुआ.
इस बार तुलसी विवाह किस दिन है और पूजा विधि क्या है.
चौकी पर तुलसी का पौधे का गमला रखें और भगवान शालिग्राम को भी उसी चौकी पर आसन देकर स्थापित करें.
गमले के चारों ओर गन्ने और केले के पत्तों का मंडप बनाएं. फिर कलश स्थापित में शुद्ध जल या गंगाजल भर लें.
इसके बाद स्वास्तिक बनांए. तुलसी को शालीग्राम के दाहिनी ओर स्थापित करें. इसके बाद तुलसी को 16 श्रंगार करे और सुहाग की सारी चीजें चढांएं. तुलसी को लाल चुनरी ओढ़ा दें.
फिर दोनों पर धूपबत्ती-दीया जलाएं और ऊं तुलसाय नम मंत्र का जाप करें. फिर हाथों में श्रद्धा के साथ शालीग्राम की चौकी लेकर तुलसी की 7 बार परिक्रमा करें. इसके बाद तुलसी को शालीग्राम के बाईं ओर स्थापित कर दें. फिर दोनों की आरती उतारें.