हनुमान चालीसा पढ़ने से दुख हो जाते हैं दूर, पढ़ें उसकी रोचक कथा

Shwetank Ratnamber
Aug 23, 2023

अमोघ फलदाई है हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा पढ़ने से सभी रोग, दोष और संकटों का नाश हो जाता है. नियमित पाठ करने से हनुमान जी महाराज की कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है.

अकबर की जेल में लिखी गई हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी और इसकी रचना किसी आश्रम में या दरबार में नहीं की गई थी. हनुमान चालीसा की रचना मुगल शासक अकबर की जेल में हुई थी.

हनुमान चालीसा लिखे जाने की कहानी

माना जाता है कि तुलसीदास जी ने अकबर की जेल में इसकी रचना की थी और इसके बाद जो हुआ था वो देखकर मुगल बादशाह अकबर भी हनुमानजी का चमत्कार देखकर हैरान रह गया था.

अकबर ने बंदी बनाया

कहा जाता है कि एक बार अकबर ने तुलसीदास जी महाराज को अपने दरबार में बुलाया और उनसे कहा गया था कि वो अकबर की तारीफ में कुछ लिखें, लेकिन उन्होंने मना कर दिया तो गुस्साए अकबर ने उन्हें बंदी बना लिया था.

'चमत्कार दिखाने को कहा गया'

वहीं, कुछ कहानियों में कहा जाता है कि तुलसीदास जी से कुछ चमत्कार दिखाने के लिए कहा गया था. ऐसी ही कहानी माइथोलॉजिस्ट देवदत्त पटनायक ने भी कुछ प्लेटफॉर्म पर सुनाई है. अकबर की तारीफ में लिखने से इनकार करने पर उन्हें कारागार में भेजा गया.

'जैसी राम जी की इच्छा'

कहा जाता है कि हनुमान जी पर आश्रित तुसलीदास ने इसे राम जी की इच्छा मानते हुए हनुमान जी से बंधन से बाहर निकालने की गुहार लगाई. यहीं उन्हें हनुमान चालीसा लिखने की प्रेरणा मिली. हनुमान चालीसा लिखे जाने के बाद जैसे ही उसका पाठ हुआ तो मानो हनुमान जी ने खुद चमत्कार दिखाया.

अकबर के उड़े होश!

हनुमान चालीसा के रचयिता तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया तो अकबर के महल और किले पर अचानक बंदरों ने हमला कर दिया. जब अकबर को इस बात का पता चला तो तुलसीदास जी से माफी मांगते हुए उन्हें फौरन रिहा करने का आदेश दिया.

हनुमान चालीसा के पाठ से कटा संकट

हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी ने लिखा है, ‘संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरे हनुमत बलबीरा’. जिसका मतलब है कि इसका पाठ करने से हर संकट दूर होता है. दुख और कस्ट दूर हो जाते हैं.

तुलसीदास जयंती पर हनुमान जी की महिमा

हनुमान चालीसा सबसे अधिक पढ़े जानें वाली रचना है. सावन के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती मनाई जाती है. जो आज यानी 23 अगस्त को है. तुलसीदास जी ने मानव जाति के कल्याण के लिए हनुमान चालीसा, श्रीरामचरितमानस समेत कई ग्रंथों की रचना की.

VIEW ALL

Read Next Story