कहां रहते हैं वे 7 चिरंजीवी, जिन्‍हें मिला है अमर रहने का वरदान?

हिंदू धर्म के अनुसार 7 ऐसे लोग हैं जिन्हें अमरता का वरदान मिला है और वे आज भी पृथ्वी पर विचरण कर रहे हैं. हालांकि उन्‍हें हर कोई नहीं देख सकता है.

हनुमान जी

प्रभु राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया था. शास्‍त्रों के अनुसार भगवान हनुमान गंधमादन पर्वत पर रहते हैं.

अश्‍वत्‍थामा

गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को अमरता और कष्ट भोगने का श्राप मिला था. वे कलियुग के अंत तक पृथ्वी पर भटकेंगे. वे नर्मदा नदी के आसपास जंगलों में भटकते हैं.

महाबली

राजा महाबली भी अमर देवता हैं. महाबली पाताल में रहते हैं और वे हर साल ओणम के त्योहार के दौरान अपनी प्रजा से मिलने आते हैं.

वेद व्यास

ऋषि वेद व्‍यास ने वेद और महाभारत लिखी है. मान्‍यता है कि वे हिमालय में बद्रीनाथ से आगे बदरा क्षेत्र में ऐसे स्थान पर रहते हैं जहां मनुष्य नहीं पहुंच सकते.

विभीषण

रावण के भाई विभीषण जो कि प्रभु राम के भक्‍त हैं उन्‍हें भी भगवान राम ने चिंरजीवी होने का वरदान दिया था. साथ ही उन्‍हें लंका का राजा बनाया था.

कृपाचार्य

महाभारत के महान शिक्षक योद्धा कृपाचार्य ने अपने आदर्शों के चलते किसी भी 'दिव्यास्त्र' का प्रयोग नहीं किया था. उन्‍हें वरदान है कि वे कलियुग के अंत तक रहेंगे लेकिन किसी भी मनुष्य की नजरों में नहीं आएंगे.

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