आइंस्टीन की वह चिट्ठी जिसने हमेशा के लिए बदल डाली दुनिया

Deepak Verma
Jun 18, 2024

जीनियस

अल्बर्ट आइंस्टीन को दुनिया 20वीं सदी का सबसे बड़ा वैज्ञानिक मानती है. 1939 में आइंस्टीन के एक पत्र ने दुनिया को बदलकर रख दिया.

वह चिट्ठी

अगस्त, 1939 में आइंस्टीन ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट को एक चिट्ठी लिखी. तब तक यूरोप में जंग शुरू नहीं हुई थी.

आशंका

आइंस्टीन ने पत्र में लिखा कि यूरेनियम की मदद से 'नए तरह का बेहद शक्तिशाली बम' बनाना संभव है.

जताया डर

आइंस्टीन ने अपना डर जाहिर किया कि नाजी शायद पहले से ही एटॉमिक बम बनाने में लगे हुए हैं.

अपील

महान वैज्ञानिक ने रूजवेल्ट से कहा कि वे न्यूक्लियर फिशन पर जारी प्रयोगों को गति दें.

एक्शन

आइंस्टीन के जोर देने पर, अक्टूबर 1939 में यूरेनियम पर राष्ट्रपति की सलाहकार समिति का गठन किया गया.

मैनहट्टन प्रोजेक्ट

अमेरिका ने परमाणु हथियार बनाने के लिए, मैनहट्टन प्रोजेक्ट पर 1941 में काम शुरू किया. आइंस्टीन इस प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं थे.

परमाणु हथियारों के विकास में आइंस्टीन की रिसर्च की कोई भूमिका नहीं थी.

आइंस्टीन ने खुद भी कहा, 'मैं स्वयं को परमाणु ऊर्जा के आविष्कार का जनक नहीं मानता.'

दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद, आइंस्टीन ने बड़े पैमाने पर परमाणु हथियारों के खिलाफ अभियान छेड़ा.

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