आइंस्टीन के सिद्धांत में ब्लैक होल का कौन सा राज छुपा है?

Deepak Verma
Jun 24, 2024

जनरल रिलेटिविटी

अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1915 में सामान्य सापेक्षता सिद्धांत यानी 'जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी' को दुनिया के सामने रखा.

आइंस्टीन की थ्योरी

यह सिद्धांत कहता है कि ब्रह्मांड में किसी भी वस्तु की तरफ जो गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव देखा जाता है, उसकी असली वजह यह है कि हर वस्तु अपने मान और आकार के अनुसार अपने इर्द-गिर्द के स्पेस-टाइम में मरोड़ पैदा कर देती है.

एस्ट्रोनॉमी में अहम

आइंस्टीन की यह थ्योरी आधुनिक भौतिकी में गुरुत्वाकर्षण को समझाती है. इस थ्योरी का खगोल विज्ञान में भी बड़ा महत्व है.

ब्लैक होल

आइंस्टीन के इस सिद्धांत में ब्लैक होल की भविष्यवाणी भी शामिल है. ब्लैक होल विशाल तारों की अंतिम अवस्था है. (Photo : NASA)

किया खारिज

हालांकि, 1939 में लिखे एक पेपर में अल्बर्ट आइंस्टीन ने ब्लैक होल की धारणा को खारिज करने का प्रयास किया था. (Photo : NASA)

हुआ साबित

जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर और उनके स्टूडेंट एस. स्नाइडर ने आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया कि ब्लैक होल कैसे बन सकते हैं. (Photo : NASA)

भविष्यवाणी

आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत में भविष्यवाणी की गई थी कि एक बिंदु (इवेंट होराइजन) ऐसा आता है जहां पदार्थ ब्लैक होल के चारों ओर चक्कर लगाना बंद कर देता है और सीधे नीचे गिरता है, और इतनी तेजी से गिरता है कि वापस लौटना संभव नहीं होता. (Photo : NASA)

मिले सबूत

मई 2024 में वैज्ञानिकों ने एक सक्रिय ब्लैक होल के डेटा के आधार पर कहा कि ब्लैक होल के पास ऐसे क्षेत्र मौजूद होते हैं. यानी आइंस्टीन की भविष्यवाणी 109 साल बाद सही साबित हुई. (Photo : ESA)

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