अल्बर्ट आइंस्टीन ने आधुनिक भौतिकी के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया. वह 20वीं सदी के महानतम और सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिक कहे जाते हैं.
आइंस्टीन ने प्रकाश का क्वांटम सिद्धांत, सापेक्षता का सामान्य सिद्धांत, सापेक्षता का विशेष सिद्धांत, फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट और वेव-पार्टिकल डुअलिटी जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए.
आइंस्टीन एक ऐसा सिद्धांत देना चाहते थे जो पूरे ब्रह्मांड की भौतिकी को समझा सके. वह बाद के सालों में पूरी तरह इस सपने को सच करने में लगे रहे.
1945 में रिटायर होने के बाद, आइंस्टीन ने गुरुत्वाकर्षण को विद्युत चुंबकत्व के साथ जोड़ने की कोशिश की.
इस काल्पनिक सिद्धांत को 'थ्योरी ऑफ एवरीथिंग', 'यूनिफाइड फील्ड थ्योरी' या 'ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरी' कहा जाता है.
18 अप्रैल 1955 को आइंस्टीन की मृत्यु हो गई. वह अपने सिद्धांत में शक्तियों को एक नहीं कर पाए. आइंस्टीन का वह सपना अधूरा ही रहा.
बाद के सालों में, कई वैज्ञानिकों ने आइंस्टीन का अधूरा सपना पूरा करने की कोशिश की लेकिन कोई कामयाब नहीं हुआ.
आइंस्टीन की तरह, 21वीं सदी के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने भी खूब कोशिश की. हालांकि, हॉकिंग ने 2018 में अपनी मृत्यु से पहले 'थ्योरी ऑफ एवरीथिंग' की खोज छोड़ दी थी.