(Photo : NASA)
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भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ब्लैक होल बाइनरी सिस्टम से निकलने वाली हाई-एनर्जी एक्स-किरणों के 'अनियमित' मॉड्युलेशन की खोज की है. (Photo : NASA)
इस खोज से उन्हें ब्लैक होल की एक्रेशन डिस्क और उसके भीतर से अक्सर फूटने वाली एक्स-किरणों के बारे में नई जानकारियां हासिल हुईं. (Photo : NASA)
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AstroSat की मदद से Swift J1727.8-1613 नाम के ब्लैक होल एक्स-रे बाइनरी सिस्टम की निगरानी की गई. तभी उन्हें एक दुर्लभ घटना दिखी. (Photo : ESA)
वैज्ञानिकों ने पाया कि सिर्फ सात दिनों के भीतर ब्लैक होल से निकलने वाले एक्स-रे फोटॉन्स की फ्रीक्वेंसी लगभग दोगुना बढ़ गई. ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया था. (Photo : ESA)
AstroSat ने दिखाया कि हाई एनर्जी एक्स-रे, ब्लैक होल के बहुत करीब गर्म इलेक्ट्रॉनों द्वारा रीप्रोसेस होने वाली एक्रेशन डिस्क से कम-ऊर्जा फोटॉनों द्वारा उत्पन्न की गई थीं. (Photo : ESA)
खोज के पीछे ISRO के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर, IIT गुवाहाटी, मुंबई यूनिवर्सिटी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के वैज्ञानिक रहे. (Photo : ESA)
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