इन ग्रहों पर होती है हीरे की बारिश, धरती से हैं इतनी दूर

हीरा है सदा के लिए

दुनिया की चंद सबसे महंगी धातुओं की बात करें तो सोने के बाद लोग हीरे को अपना बनाना पसंद करते हैं.

हीरा कैसे बनता है?

हीरा एक कुदरती रत्न है. एकदम नेचुरल. ये धरती के गर्भ में मिलता है. हीरा, फैक्ट्री में काटकर छोटा किया जा सकता है. उसे चमकाया जा सकता है. उसका आकार बदला जा सकता है. लेकिन इसकी कोई फैक्ट्री नहीं लगा सकता है.

हीरों वाले ग्रह

नेपच्यून और यूरेनस. इन दोनों ग्रहों में हीरे ही हीरे पाए जाते हैं. चारों ओर हीरे ही हीरे. मानो हीरे की बारिश होती हो.

कैसे बनता है हीरा?

इन ग्रहों पर तापमान शून्य से 200 डिग्री सेल्सियस नीचे रहता है. यहां जमी मीथेन के बादल अक्सर उड़ते रहते हैं. मीथेन में हाइड्रोजन और कार्बन होते हैं. जब भी मीथेन पर दबाव बनता है तो हाइड्रोजन और कार्बन अलग हो जाते हैं. यही कार्बन बाद में हीरे में तब्दील हो जाता है.

कहना आसान-करना असंभव!

अगर कोई किसी तरह इन ग्रहों पर पहुंच जाए तो पलभर में दुनिया का सबसे अमीर आदमी बन सकता है. है ना मजे की बात. यानी जिसे मिल जाए उसके मजे ही मजे.

एक्सपर्ट एडवाइस

स्‍पेस पर रिसर्च करने वाले शोधकर्ता नाओमी रोवे-गर्नी के मुताबिक, इन ग्रहों में मौजूद डायमंड्स पहले से किसी बादल में मौजूद नहीं होते, बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया के कारण बनते हैं.

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