जुगनुओं में रोशनी कहां से आती है?

(Image : Generated By AI)

Deepak Verma
May 30, 2024

बचपन का सवाल

बचपन में, रात में टिमटिमाते जुगनुओं को देखकर मन में अक्सर यह सवाल आता था कि आखिर जुगनू क्यों चमकते हैं. (Image : Generated By AI)

जुगनुओं के अपनी रोशनी पैदा करने की क्षमता को बायोल्यूमिनिसेंस (जीवदीप्ति) कहते हैं.

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ऐसी क्षमता दुनिया के चुनिंदा जानवरों, बैक्टीरिया और फफूंद में पाई जाती है.

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केमिकल रिएक्शन

जुगनुओं का प्रकाश लूसीफेरिन नामक यौगिक के आधार पर होने वाली रासायनिक प्रक्रिया के चलते पैदा होता है. (Image : Generated By AI)

पीछे की साइंस

एडेनोसाइन ट्राइफॉस्फेट (ATP) की मौजूदगी में मैग्नीशियम के साथ लूसीफेरिन अपने इलेक्ट्रॉनों को खोकर प्रकाश बनाता है, इस प्रक्रिया को ऑक्सीडेशन कहते हैं. (Image : Generated By AI)

लूसिफेरेज नाम का एंजाइम इस रिएक्शन में मीडिएटर की भूमिका निभाता है.

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पेट में इंतजाम

ऐसे रिएक्शन जुगनुओं के पेट में होते हैं. वहां क्रिस्टलाइज्ड यूरिक एसिड की परत होती है जो प्रकाश को रिफ्लेक्ट करने में मदद करती है. (Photo : University Of Florida)

अंडे भी चमकीले

जुगनू बचपन से ही चमकना शुरू कर देते हैं. यहां तक कि उनके अंडे भी चमकते हैं. जब जुगनू बड़े हो जाते हैं तो उनमें नए प्रकाश अंग बनते हैं. (Photo : University Of Virginia)

स्विच

जुगनुओं के प्रकाश अंगों की खास कोशिकाएं लूसीफेरिन और लूसिफेरेज से भरी होती हैं. वे इन कोशिकाओं में ऑक्सीजन का फ्लो कंट्रोल करके लाइट को ऑन या ऑफ कर सकते हैं. (Photo : Texas Medical Center)

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