जब महान वैज्ञानिक आइंस्टीन से हो गई 'गलती'

Deepak Verma
May 27, 2024

जीनियस!

अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे वैज्ञानिक सदियों में एक बार पैदा होते हैं. इतने महान वैज्ञानिक से भी गलतियां हो सकती हैं.

गलती

1938 में एक अमेरिकी स्टूडेंट ने आइंस्टीन की थ्‍योरी में गड़बड़ी पकड़ी थी. उसने आइंस्टीन को पत्र लिखकर गलती के बारे में बताया.

चिट्ठी

23 साल के हर्बर्ट साल्जर उस वक्त मास्टर्स की पढ़ाई कर रहे थे. बकौल साल्जर, 'मैंने उन्हें (आइंस्टीन) पहले सन्निकटन समीकरण के बारे में एक बिंदु पर सवाल उठाते हुए लिखा था.'

जवाब

आइंस्टीन ने खत के जवाब में कुछ समीकरण लिखे और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि साल्जर से चूक हुई है. उन्होंने 29 अगस्त, 1938 को यह चिट्ठी लिखी थी.

सुधार

महीने भर बाद ही, आइंस्टीन को अपनी राय बदलनी पड़ी. 13 सितंबर, 1938 को आइंस्टीन ने साल्जर को लिखा, 'आपको पत्र लिखने के कुछ समय बाद ही, मैंने ध्यान दिया कि गलती मेरी ओर से हुई थी.'

महत्व

साल्जर के सुधार को आइंस्टीन के अपने एकीकृत क्षेत्र सिद्धांत को पुनर्जीवित करने और पुन: परीक्षण करने में मदद करने का क्रेडिट दिया जाता है.

नीलाम

हर्बर्ट साल्जर और अल्बर्ट आइंस्टीन की आमने-सामने मुलाकात नहीं हो सकी. उन चिट्ठियों की 2013 में नीलामी की गई थी.

VIEW ALL

Read Next Story