दुनिया के सबसे 'अकेले पौधे' को 'मादा दुल्हन' की तलाश, वैज्ञानिक भी खोजने में लगे

krishna pandey
Jun 14, 2024

दुनिया का सबसे अकेला पौधा कौन है?

अगर हम आपसे पूछे कि आज के दौर में सबसे अकेला पौधा कौन है तो आप हैरान हो जाएंगे, आप कहेंगे कि हमने इंसान को अकेले होते सुना, देखा है, पौधे कब से अकेले होने लगे, लेकिन यह सच है, दुनिया में एक ऐसा अकेला पौधा है, जो अब अपने बुरे दौर में है, उसे बचाने के लिए मादा दुल्हन की तलाश हो रही है, उसका नाम है- Encephalartos woodii( E. woodii)

'अकेले पौधे' के लिए 'मादा दुल्हन'की तलाश

एन्सेफैलार्टोस वूडी को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा है, वैज्ञानिक उसे बचाने के लिए मादा दुल्हन की तलाश कर रहे हैं, अब आपको समझ नहीं आया होगा कि पौधे के लिए दुल्हन तो हम आगे आपको समझाते हैं कि वूडी को दुल्हन की क्यों जरूरत पड़ी.

अकेले में घुट रहा पौधा, जिंदा बचाना जरूरी

जैसे इंसान सोशल एनिमल है. यानी वो अकेले जिंदगी नहीं गुजर-बसर कर सकता. लोगों से घुलना-मिलना, उनके साथ वक़्त बिताना, पार्टी करना और मिल-जुलकर जश्न मनाना उसकी फ़ितरत भी है और ज़रूरत भी. वैसे ही पौधों के ‌विकास के ‌लिए उसके आस-पास उससे जुडें, लोगों का होना बहुत जरूरी है, लेकिन वूडी अकेला हो गया है, आइए जानते हैं वूडी के लिए वैज्ञानिक क्या कह रहे हैं.

कैसा है ये पौधा, किसने की खोज

जीवाश्म विज्ञानी रिचर्ड फोर्टी ने के अकेले पौधे के बारे में जानकारी दी है, जो दक्षिण अफ्रीका में पाया जाता है. ई. वुडी साइकैड परिवार का एक सदस्य है. ये पौधे मोटे तने और बड़ी कड़ी पत्तियों वाले होते हैं और इनकी पत्तियां जैसे एक राजसी मुकुट जैसा बनाती हैं. जो अब ग्रह पर सबसे विलुप्त प्रजातियों में से एक हैं. इस प्रजाति में सिर्फ एक एकमात्र जिंदा ई वुडी की खोज 1895 में वनस्पतिशास्त्री जॉन मेडले वुड द्वारा की गई थी, जब वह दक्षिण अफ्रीका के नगोय वन में वनस्पति अभियान पर थे. उन्होंने आसपास इसके जैसे अन्य पौधों की तलाश की, लेकिन कोई नहीं मिला.

नर पौधा तो मिला लेकिन मादा नहीं

जब लोगों को पता चला कि यह अकेले बचा है तो वन विभाग ने 1916 में इसे दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में एक सुरक्षात्मक बाड़े में सुरक्षित रखने के लिए जंगल से हटा दिया, जिससे यह जंगल से विलुप्त हो गया. तब से यह पौधा दुनिया भर में उगाया गया है. यह सभी पौधे नगोये नमूने के क्लोन हैं. ई. वुडी के सामने जिंदा रहने का संकट आ गया, वे सभी नर हैं, और मादा के बिना प्राकृतिक प्रजनन असंभव है. ऐसे में मादा की खोज होने लगी.

ई. वुडी पौधा अकेलेपन में जी रहा है

ई. वुडी की कहानी अस्तित्व और अकेलेपन दोनों में से एक है.‌ जिसके बाद मादा की तलाश शुरू हुई, नगोये वन में एक मादा की खोज में सहायता के लिए रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया गया. लेकिन कोई मादा नहीं मिला.

वैज्ञानिकों को मादा की तलाश

वैज्ञानिकों ने मादा ई.वुडी को खोजने के लिए 2022 और 2024 तक जंगलों में ड्रोन का सहारा लिया, 195 एकड़ या 148 फुटबॉल मैदानों के क्षेत्र के बराबर जंगल में खोजा, ड्रोन से हजारों तस्वीरों से विस्तृत मानचित्र तैयार किए. लेकिन मादा नहीं मिला.

10,000 एकड़ के जंगल में मादा की खोज

नगोय वन का एक छोटा सा हिस्सा अब तक वैज्ञानिक खोज चुके हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है यह वन 10,000 एकड़ में फैला है.

अब AI ढूंढ रहा इसके लिए परफेक्ट पार्टनर

'दुनिया का सबसे अकेला पौधा' कहे जाने वाले E. woodii की मदद अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) करेगा. AI की मदद से उसके लिए फीमेल पार्टनर ढूंढा जा रहा है. E. woodii पौधों के साइकैड ग्रुप का सदस्य है. साईकैड्स धरती पर मौजूद सबसे पुराने बीज देने वाले पौधे हैं. वे डायनासोर से भी पहले से पृथ्वी पर मौजूद हैं.

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