प्रयागराज से सिर्फ 35KM दूर, प्रभु राम काल से हैं कछुए!

Alkesh Kushwaha
Jul 15, 2024

संगम

प्रयागराज में तीन पवित्र नदियां गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है. यही वजह है कि इसे संगम कहा जाता है.

अविश्वसनीय स्थान

यहां पर कई अविश्वसनीय स्थान हैं. यहां के आस-पास के बारे में लोगों को बेहद ही कम जानकारी है. इनमें से एक स्थान है- कंबलास्तर तीर्थ

कंबलास्तर तीर्थ

मान्यता है कि प्रभु राम के समय का यहां एक तालाब मौजूद हैं, जिसमें बेहद ही विशालकाय कछुए मौजूद हैं.

कहां पर है?

यह स्थल प्रयागराज से 35किमी दूर चाका ब्लॉक के सीओडी कैंटोनमेंट के पास स्थित है.

क्या है मान्यता?

अनंत काल से मान्यता है कि अयोध्या से चित्रकूट जाते वक्त प्रभु श्रीराम ने यहां एक दिन के लिए विश्राम किया था.

चरणपादुका

यहां पर भगवान राम, लक्ष्मण और मां सीता की चरणपादुका और रामजानकी मंदिर है.

रामसागर कुंड

यहां पर रामसागर कुंड भी स्थित है.

कुंड की मान्यता

कहा जाता है कि माता सीता को प्यास लगने पर श्री राम ने स्वयं इस कुंड का निर्माण किया और यह कुंड आज तक नहीं सूखा.

कुंड में कछुए

कंबलास्तर तीर्थ के कुंड में बहुत बड़े-बड़े कछुए हैं. यह भी कहा जाता है कि प्रभु राम के काल से ही कुंड में कछुओं की पीढ़ियां मौजूद हैं. यहां पर श्रद्धालु आकर उन्हें खाना देते हैं.

प्राचीन हनुमान मंदिर

यहां पर एक प्राचीन हनुमान जी का मंदिर है. यहीं पर भगवान शिव भी विराजे हैं. इंस्टाग्राम पर सौरभ प्रयागी ने इस वीडियो को शेयर किया.

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