धरती निगल गई या आसमान खा गया, कहां गया 835 करोड़ का सोना? आठवां अजूबा भी गायब
krishna pandey
Mar 23, 2024
किसे कहा जाता है आठवां अजूबा?
सेरूस के एम्बर रूम को दुनिया के आठ आश्चर्यों में गिना जाता था. इसे कीमती पत्थर और सोने से बनाया गया था, आज उसकी कीमत हजारों करोड़ रुपये में होगी. हिटलर की नजर इस पर थी और उसने अपने सैनिकों को इसे लूटने का आदेश दिया था, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि ये खजाना दुनिया से दूर हो गया. जिसका पता आज तक नहीं चल पाया. और इसकी खोज जारी है.
एम्बर रूम को नाजियों ने लूटा
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी सेनाओं ने एम्बर रूम को लूट लिया था. एंबर रूम सबसे पहले बर्लिन सिटी पैलेस में स्थापित किया था. साल 1716 में इसे प्रशिया के राजा फ्रेडरिक विलियम प्रथम ने रूसी साम्राज्य को उपहार में दिया था. इस रूम को कीमती एम्बर पत्थर से बनाया गया था, जिसके चलते इसे एम्बर रूम कहा जाता था। इसके अंदर सोने की कारीगरी की गई थी.
नाजी सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध में मचाया जमकर आतंक
हिटलर की नाजी आर्मी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सिर्फ शहरों को तबाह ही नहीं किया था, बल्कि जमकर लूटपाट की थी.
नाजियों ने अरबों का सोना लूटा
रूस पर हमले के दौरान नाजियों ने इतना सोना लूटा था कि उसे जहाज से भरकर जर्मनी के लिए भेजा था.
जहाज में भरकर ले गए सोना
सोने से लदा ऐसा ही एक नाजी जहाज वेल्हम गुस्टॉफ बाल्टिक सागर के अंदर दबा हुआ है. इस जहाज में जो खजाना रखा हुआ था, उसकी कीमत अरबों रुपये हैं.
सोने का लग गया पता?
www.thesun.co.uk बेवसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एडॉल्फ हिटलर के नाज़ियों ने जो सोना चुराया था वह आज बाल्टिक सागर में हो सकती है. बताया जाता है कि जंग के दौरान नाजी अधिकारियों ने कथित तौर पर जहाज पर चोरी की तीन टन सोने की छड़ें, जिनकी कीमत अब 100 मिलियन पाउंड है अगर इसे भारतीय रुपए में देखें तो करीब 835 करोड़ के करीब होगा.
रास्ते में ही डूब गया जहाज
जब नाजी सोने से लदे जहाज को जर्मनी से बाहर ले जाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन जहाज विल्हेम गुस्टलॉफ रास्ते में ही 30 जनवरी, 1945 को डूब गया. तबसे आज तक कोई सटीक जानकारी इस सोने की नहीं लगी.