क्यों खास है दक्षिण भारत की ये चट्टान, जहां PM मोदी 48 घंटे करेंगे ध्यान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 48 घंटे का ध्यान करेंगे.

रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री अपना ध्यान 'ध्यान मंडपम' से शुरू करेंगे, यह वही स्थान है जहां स्वामी विवेकानंद ने 1892 में ध्यान किया था.

कन्याकुमारी के तट पर तमिल संत तिरुवल्लुवर की अखंड प्रतिमा के पास स्थित इस चट्टान को प्राचीन काल से ही पवित्र स्थान माना जाता रहा है.

विवेकानंद रॉक मेमोरियल कमेटी ने इसे स्वामी विवेकानंद द्वारा 24, 25 और 26 दिसंबर 1892 को ध्यान और ज्ञान प्राप्ति के लिए “श्रीपद पराई” की यात्रा की याद में बनवाया था.

कन्याकुमारी के वावथुराई समुद्र तट से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित इस टापू पर ध्यान करते समय स्वामी विवेकानंद को विकसित भारत का एक स्वप्न भी आया था.

प्रधानमंत्री मोदी विवेकानंद को अपना आदर्श मानते हैं और वह स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित आध्यात्मिक और परोपकारी संगठन रामकृष्ण मिशन के सदस्य भी रहे हैं. इसी लिए उन्होंने ध्यान के लिए इस टापू को चुना.

पिछले वर्ष रामकृष्ण मिशन की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर समारोह में मोदी ने कहा था, "स्वामी विवेकानंद के पास भारत के लिए एक भव्य दृष्टिकोण था और मुझे विश्वास है कि वह इस दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए भारत को काम करते हुए गर्व से देख रहे होंगे."

प्रधानमंत्री पंजाब के होशियारपुर में अपना चुनाव प्रचार अभियान समाप्त करने के बाद गुरुवार दोपहर तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे. शाम को वह कन्याकुमारी में राज्य अतिथि गृह पहुंचेंगे और नाव से विवेकानंद रॉक मेमोरियल के लिए रवाना होंगे.

पीएम मोदी के प्रवास के दौरान इलाके में करीब 2,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. पीएम के गुरुवार शाम से 1 जून तक कन्याकुमारी में रहने की उम्मीद है. भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना को भी कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा गया है.

2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी ने उत्तराखंड में इसी तरह की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की थी. उस समय भी केदारनाथ के पास एक पवित्र गुफा में ध्यान करते हुए उनकी तस्वीरें सामने आई थीं.

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