बड़े बुजुर्ग अक्सर कहते हैं, 'कभी चंडीगढ़ ऐसा होता था!'; आइए देखते हैं कि कैसा होता था

Rajan Nath
Jun 21, 2023

चंडीगढ़ को डिजाइन करने के लिए प्रसिद्ध फ्रांसीसी वास्तुकार ली कोर्बुज़िए को बुलाया गया था

चंडीगढ़ का प्रतीक चिह्न 'खुला हाथ' है, जो कि शांति और सुलह का संदेश देता है

चंडीगढ़ भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सपनों का शहर है

चंडीगढ़ के गोल चक्कर या पार्क में आपको कोई मूर्ति नहीं दिखाई पड़ेगी और यह इसके निर्माता ली कोर्बुज़िए की शर्त के अनुसार है

चंडीगढ़ कस नाम चंडी मंदिर से प्राप्त हुआ. यह मंदिर आज भी शहर का मुख्य पर्यटन स्थल है.

चंडीगढ़ के निर्माता ली कोर्बुज़िए ने मानव शरीर के रूप में चंडीगढ़ की अवधारणा की थी.

'हेड' की तर्ज पर सेक्टर 1, 'दिल' की तर्ज पर सेक्टर -17 और 'फेफड़ों' के लिए खुले स्थान और हरियाली के लिए जगह दी.

इसी तरह संचार प्रणाली की तर्ज पर 7V और 'मस्तिष्क के लिए शैक्षिक संस्थानों के लिए जगह दी.

चंडीगढ़ में सुखना झील का निर्माण 1958 में हुआ था और यह एक मानव निर्मित झील है.

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