दादासाहेब फाल्के का जन्म 1870 में महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था, उनका असली नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के था.
दादासाहेब फाल्के बहुप्रतिभाशाली कलाकार थे, जिन्होंने चित्रकला, मूर्तिकला और संगीत में भी महारथ हासिल की थे.
दादासाहेब ने अपने करियर की शुरुआत एक फोटोग्राफर के रूप में की थी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में ड्राफ्ट्समैन के रूप में भी काम किया था.
दादासाहेब फिल्म निर्माण और सिनेमैटोग्राफी सीखने के लिए इंग्लैंड गए थे, जिसके लिए उन्होंने अपनी सारी संपत्ति बेच दी थी.
फाल्के ने 1913 में 'हिंदुस्तान फिल्म कंपनी' की स्थापना की और 'राजा हरिश्चंद्र' का भी निर्माण किया, जो भारत की पहली फीचर फिल्म थी.
फाल्के भारतीय सिनेमा के प्रमुख थे और उन्होंने अपने करियर के दौरान 100 से भी अधिक मूक फिल्में बनाईं थी.
फाल्के की पत्नी, सरस्वती फाल्के ने उनके फिल्म निर्माण करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनकी कई फिल्मों में अभिनय किया.
1937 में, फाल्के को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा "राजा" की उपाधि से सम्मानित किया गया था.
16 फरवरी 1944 को 73 वर्ष की आयु में दादासाहेब फाल्के का निधन हो गया था.
भारत सरकार ने 1969 में दादासाहेब के सम्मान में 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' की स्थापना की, जो भारतीय सिनेमा में आजीवन उपलब्धि के लिए सर्वोच्च पुरस्कार है.